स्वास्थ्य

सेहत कड़वी कर सकती है शकर

sugar_07_10_2015दस्तक टाइम्स/एजेंसी- नई दिल्ली:  शकर से भरपूर केक या पेस्ट्री भला किसे पसंद नहीं होगी। लेकिन क्या आपको पता है कि मॉर्डन डाइट में मिलाई जाने वाली सामग्रियों में शकर सबसे अधिक नुकसानदायक सामग्री है। यह मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करने का काम करती है और कई सारी बीमारियों का कारण बनती है। इसके साथ ही एडेड शुगर के कई ऐसे नुकसान हैं जो आपकी सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं :

दांतों के लिए नुकसानदायक

एडेड शुगर जैसे शुक्रोज और हाई फ्रूक्टोज जैसे कॉर्न सिरप में केवल अत्यधिक मात्रा में कैलोरी होती है लेकिन जरूरी पोषक तत्व नदारद रहते हैं। इसमें कोई भी प्रोटीन, एसेंशियल फैट, विटामिन या मिनरल नहीं होता। यदि कोई व्यक्ति 10-20 प्रतिशत केवल शुगर के रूप में कैलोरी लेता है तो यह उसके लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकता है और उसे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। शकर हमेशा से ही दांतों के लिए बुरी चीज रही है, क्योंकि यह मुंह में बैड बैक्टीरिया को आसानी से पचाने योग्य ऊर्जा प्रदान करती है।

लिवर पर पड़ सकता है प्रभाव

पाचन तंत्र से रक्तधाराओं में मिलने से पहले शकर दो सामान्य शर्कराओं ग्लूकोज और फ्रूक्टोज में टूट जाती है। दुनिया की हरेक जीवित कोशिका में ग्लूकोज पाया जाता है यदि हम इसे भोजन द्वारा प्राप्त नहीं करते हैं तो हमारा शरीर इसका निर्माण करने लगता है। वहीं फ्रूक्टोज इससे अलग होता है, हमारा शरीर इसका निर्माण नहीं करता है और इसकी कोई शारीरिक आवश्यकता नहीं है। यदि हम सीमित मात्रा में शकर खाते हैं तो समस्या नहीं या फिर एक्सरसाइज के बाद इसे लेते है। ऐसे में फ्रूक्टोज ग्लाइकोजेन में तब्दील हो जाता है और लिवर में तब तक के लिए संचित हो जाता है जब तक कि हम इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं।

हालांकि लिवर के फ्रूक्टोज से फुल हो जाने पर लगातार फ्रूक्टोज लेते रहने से लिवर ओवरलोड हो जाता है और फ्रूक्टोज को फैट में बदलने के लिए बाध्य करता है। इस प्रकार लगातार अधिक मात्रा में शकर लेने से फैटी लिवर होने का खतरा रहता है और सेहत से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। वैसे फलों को खाने से ऐसा नहीं होता क्योंकि फलों के जरिए फ्रूक्टोज की अत्यधिक मात्रा ले पाना लगभग असंभव है।

डायबिटीज होने का खतरा

शरीर में इंसुलिन काफी महत्वपूर्ण हॉर्मोन होता है। यह ग्लूकोज को रक्तधाराओं से कोशिकाओं में जाने का निर्देश देता है और उन्हें फैट की जगह ग्लूकोज को बर्न करने का निर्देश देता है। ब्लड में अत्यधिक मात्रा में ग्लूकोज का होना काफी टॉक्सिक होता है और डायबिटीज, अंधापन जैसी परेशानियों का कारण बन सकता है। इसके साथ ही इससे मेटाबॉलिज्म की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होती है और इंसुलिन अपना कार्य करना बंद कर देता है जिससे सेहत से जुड़ी कई सारी गंभीर परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है।

कैंसर का बढ़ सकता है खतरा

विश्वभर में कैंसर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। इसे कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार की वृद्धि को रोकने में इंसुलिन प्रमुख हॉर्मोन माना जाता है। यही वजह है कि वैज्ञानिक मानते हैं कि शकर का लगातार बढ़ा हुआ स्तर कैंसर का कारण बन सकता है।

साथ ही शकर से जुड़ी हुई मेटाबॉलिक परेशानियां सूजन, कैंसर के अन्य प्रबलकारी कारक बनती हैं। कई शोधों में यह बात सामने आई है कि जो लोग अत्यधिक मात्रा में शकर खाते हैं उनमें कैंसर होने का खतरा भी उतना ही बढ़ जाता है।

 
 

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