सोना अब भी लुभाता है भारतीयों को
नई दिल्ली (एजेंसी) । विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भले ही निवेश विकल्प से सोने को बाहर कर दिया है लेकिन भारतीय अब भी इसे निवेश का पसंदीदा विकल्प मानते हैं। देश में सोने की मांग कायम रहने के कारण इसकी कीमत अप्रैल के 26 44० रुपये प्रति 1० ग्राम से अगस्त में 34 6०० रुपये प्रति 1० ग्राम के बीच रही। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के निदेशक बछराज बामलवा ने आईएएनएस से कहा ‘‘सोना भारत में हमेशा एक संपत्ति माना जाएगा। इसमें कभी नुकसान नहीं होगा। कुछ समय के लिए इसकी कीमत घट सकती है लेकिन लंबे समय में इसकी कीमत हमेशा बढ़ेगी।’’ पिछले साल देश में 96० टन सोने का आयात हुआ। इसके कारण चालू खाता घाटा 2०12-13 में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.8 फीसदी तक पहुंच गया। दुनिया में सोने के सबसे बड़े खरीदार भारत ने मई 2०13 में 162 टन सोने का आयात किया। इससे चालू खाता घाटा को कम करने की कोशिश में जुटी सरकार कांप उठी। सरकार ने सोने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया। इसके कारण जुलाई के आखिर से मध्य अक्टूबर तक सोने का आयात लगभग ठप्प रहा। अर्थशास्त्री सिद्धार्थ शंकर ने आईएएनएस से कहा ‘‘आयात शुल्क में यह वृद्धि कुछ समय के लिए आयात रोक सकती है लेकिन लंबे समय में इसे नहीं रोक सकती क्योंकि भारतीय सोना खरीदना कभी बंद नहीं करेंगे। आयात शुल्क बढ़ने के कारण सोने के बाजार में जो कमी होगी उसकी पूर्ति तस्करी वाले सोने के जरिए होगी।’’
शंकर ने कहा ‘‘कुछ समय के लिए चालू खाता घाटा की स्थिति बेहतर लग सकती है लेकिन लंबी अवधि में तस्करी वाले सोने के कारण एक समानांतर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।’’विश्व स्वर्ण परिषद के प्रबंध निदेशक सोमासुंदरम पी.आर. ने कहा कि भारत में चाहे आभूषण रूप में या निवेश रूप में सोने की मांग खुदरा स्तर पर है और गांवों और शहरों में लाखों लोग इसकी खरीदारी करते हैं। सोमासुंदरम ने कहा ‘‘वे घरेलू बचत के रूप में सोने में निवेश करते हैं। यह समझना जरूरी है कि आभूषण एक निवेश माना जाता है। कुछ निश्चि सामाजिक-आर्थिक वर्ग में ऋण हासिल करने के लिए इसे धरोहर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।’’ बामलवा ने रिटेलरों द्वारा आयातित सोने का 2० फीसदी हिस्सा निर्यात किए जाने की सरकार द्वारा थोपी गई बाध्यता पर कहा ‘‘यह उद्योग के लिए निराशाजनक है।’’उन्होंने कहा ‘‘पहले इस पर कोई स्पष्टता नहीं थी जिसके कारण देश भर में तस्करी को बढ़ावा मिला।’’17 जनवरी 2०12 को सोने पर दो फीसदी आयात शुल्क लगता था जो अब 15 फीसदी है। इसके बावजूद जानकारों को उम्मीद है कि 2०13 में सोने की मांग लगभग 9००-1 ००० टन रहेगी जो पिछले वर्ष 96० टन थी।
संक्षेप में :
-21 जनवरी : सोने पर आयात शुल्क को दो फीसदी बढ़ाकर छह फीसदी किया गया।
-5 जून : आयात शुल्क को और बढ़ाकर आठ फीसदी किया गया।
– 13 अगस्त : फिर से आयात शुल्क बढ़ाकर 1० फीसदी किया गया।
-17 सितंबर : आयात शुल्क बढ़ाकर 15 फीसदी किया गया।
-सितंबर : रिलायंस कैपिटल ने अपने सोना आधारित फंड में सोने की बिक्री और निवेश बंद कर दिया।
-नवंबर : विश्व स्वर्ण परिषद ने 2०13 में देश में सोने की कुल मांग 9००-1 ००० टन रहने का अनुमान जताया जो पिछले वर्ष 96० टन थी।