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सोनिया-मनमोहन की मौजूदगी में मीरा कुमार ने किया नामांकन

नई दिल्लीः विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार ने आज यहां अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। 17 विपक्षी दलों की प्रत्याशी और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा ने संसद भवन में निर्वाचन अधिकारी एवं लोकसभा महासचिव अनूप मिश्रा के समक्ष अपने नामांकन पत्र के चार सेट दाखिल किए। मीरा के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्राइन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव डी राजा, द्रमुक नेता कनिमोझी, बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा तथा समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल मौजूद थे।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायण सामी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे भी इस मौके पर मौजूद थे। इससे पहले आज ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवरार रामनाथ कोविंद की ओर से नामांकन पत्र का चौथा सेट दाखिल किया गया। कोविंद नामांकन पत्र के तीन सेट 23 जून को दाखिल कर चुके हैं। मीरा कुमार के नामांकन करने से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि बांटने की नीति के खिलाफ हमने देश को एक करने की विचारधारा को आगे रखा है। मीरा कुमार हमारी उम्मीदवार हैं, इस पर गर्व है।

सुषमा के आरोपों को नकारा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा उनके लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कामकाज की शैली पर उठाए गए सवाल के बारे में पूछे जाने पर मीरा ने कहा कि जब मैं लोकसभा अध्यक्ष थी तो सभी सांसदों ने मेरे कामकाज की शैली की सराहना की थी। किसी ने भी यह आरोप नहीं लगाया था कि मैं पक्षपातपूर्ण ढंग से काम करती हूं। सुषमा ने एक ट्वीट कर वह वीडियो जारी किया था जिसमें लोकसभा में उनके एक भाषण के दौरान लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मीरा कुमार ने बीच में काफी टोकाटाकी की थी। मीरा ने कहा कि वह लोकतांतिर्क मूल्यों, सर्व समावेशी, गरीबी उन्मूलन और जाति व्यवस्था का विनाश जैसे मूल्यों के आधार पर चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि यह विचार मेरे हृदय के बहुत समीप हैं। विपक्षी दलों ने इसी विचारधारा के आधार पर उन्हें सर्वसम्मति से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाने का निर्णय किया है। बता दें कि बिहार सीएम नीतीश कुमार ने मीरा कुमार की बजाए राजग के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस ने बिहार की बेटी को राष्ट्रपति चुनाव में हारने के लिए जानबूझकर उतारा है।
उल्लेखनीय है कि मीरा कुमार का मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद से है। शिक्षा के लिहाज से दोनों उम्मीदवार काबिल हैं। मीरा कुमार अगली पीढ़ी की दलित हैं। वे पूर्व उप-प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाऊस जैसे प्रतिष्ठ‍ित कॉलेज से पढ़ाई की है। वे 1970 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुनी गई थीं और कई देशों में राजनयिक के रूप में सेवा दे चुकी हैं। दूसरी ओर कोविंद एक कानपुर देहात जिले के एक गांव में साधारण परिवार में पैदा हुए। उन्होंने कानपुर के एक कॉलेज से पढ़ाई की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद राजनीति में प्रवेश किया। उनका प्रशासनिक अनुभव बिहार के राज्यपाल के रूप में है।

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