सोमवार के दिन शिवलिंग की पूजा करते समय रखें इन बातों का विशेष ध्यान
भगवान शिव (Lord Shiva) अपने भक्तों की मांगी हुई हर मुराद जल्द पूरी कर देते हैं। तभी उन्हें लोग भोले बाबा के नाम से भी बुलाते हैं। पर क्या आप जानते हैं हमेशा शांत स्वरूप में रहने वाले भोले बाबा को जब गुस्सा आता है तो पूरा ब्राह्मण कांपने लगता है। शिवजी जितने ही भोले हैं उनका गुस्सा भी काफी रौद्र होता है। अगर आप शिव जी (Lord shiva) को खुश करना चाहते हैं तो इन चीजों को शिवलिंग पर न चढ़ाएं।
शंख जल
भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है जो भगवान विष्णु का भक्त था। इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है शिव की नहीं।
तुलसी पत्ता
जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से तुलसी का जन्म हुआ था जिसे भगवान विष्णु ने पत्नी रूप में स्वीकार किया है। इसलिए तुलसी से शिव जी की पूजा नहीं होती।
तिल
यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ मान जाता है इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए।
टूटे हुए चावल
भगवान शिव को अक्षत यानी साबूत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा है। टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए यह शिव जी को नही चढ़ता।
कुमकुम
यह सौभाग्य का प्रतीक है जबकि भगवान शिव वैरागी हैं इसलिए शिव जी को कुमकुम नहीं चढ़ता।
हल्दी
हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और सौभाग्य से है इसलिए यह भगवान शिव को नहीं चढ़ता है।
नारियल पानी
नारियल देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है जिनका संबंध भगवान विष्णु से है इसलिए शिव जी को नहीं चढ़ता