स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छी और एक बुरी खबर
यूटी कैडर एजुकेशन इम्प्लाइज यूनियन के कड़े विरोध के बाद यूटी प्रशासन ने डेपुटेशन मामले पर काम शुरू कर दिया है। चंडीगढ़ के 107 सरकारी स्कूलों में पंजाब और हरियाणा से 600 से अधिक शिक्षक सालों से डेपुटेशन पर कार्यरत हैं। कई शिक्षक और प्रिँसिपल 10 से 15 सालों से भी अधिक समय से जमे हुए हैं।
नए प्रपोजल के तहत शिक्षा विभाग डेपुटेशन पर नियुक्त शिक्षकों को कार्यकाल पूरा होने पर तुरंत रिलीव नहीं करेगा। अधिकारियों के अनुसार शिक्षकों को शैक्षणिक सत्र खत्म होने पर मार्च या अप्रैल में ही रिलीव किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो इसे ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है।
10 साल से बैठे शिक्षकों की पहले होगी विदाई
सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों में 10 साल से अधिक समय से तैनात टीचर्स और प्रिंसिपल की लिस्ट तैयार कर ली है। इन शिक्षकों की पहले मूल कैडर(राज्य) में वापसी होगी। 200 से अधिक टीचर्स और प्रिंसिपल लंबे समय से यूटी में जमे हुए हैं।
कई ऐसे शिक्षक भी शामिल हैं जो प्रमोशन पाकर भी अभी तक डेपुटेशन पर शहर के सरकारी स्कूलों में तैनात हैं। यूटी कैडर इम्प्लाइज एसोसिएशन के प्रधान स्वर्ण सिंह कंबोज का कहना है कि डेपुटेशन शिक्षकों को तय समय पर वापस भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेपुटेशन शिक्षकों के स्टे से यूटी कैडर के शिक्षकों की प्रमोशन रुक हुई है।
1130 नए शिक्षक आने से कमी हुई पूरी
शहर के 107 सरकारी स्कूलों में काफी समय से शिक्षकों की भारी कमी चल रही थी। सितंबर में ही यूटी शिक्षा विभाग ने करीब 1130 नए एनटीटी, जेबीटी और टीजीटी शिक्षकों की भर्ती की है। विभाग में शिक्षकों को काफी हद तक कमी को पूरा कर लिया गया है। जल्द ही विभाग नई भर्ती करने की योजना बना रहा है। शिक्षकों की कमी दूर होने से अब डेपुटेशन पर आए शिक्षकों की विदाई तय समय पर हो सकेगी।