अद्धयात्म
स्त्री हो या पुरुष, पंचमी तिथि में नहीं देनी चाहिए यह चीज
अगर चतुर्थी तिथि हो तो इसमें सामान्यत: उग्र व असद् कार्य सिद्ध होते हैं। इसके अलावा पराक्रम, साहसिक कार्य, शत्रु मर्दन, बंधन व शस्त्र-प्रहार आदि कार्य सिद्ध होते हैं, परंतु शुभ व मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।
पंचमी तिथि में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य यथा विवाह व जनेऊ आदि वास्तु तथान्य सभी स्थिर व चंचल कार्य करने योग्य हैं। ध्यान रहे पंचमी तिथि में ऋण नहीं देना चाहिए।
चतुर्थी तिथि में जन्मा जातक सामान्य रूप से पंडित, विद्वान, बुद्धिमान, विशाल हृदय, दानी परन्तु धन के पूर्णत: सुख से चिंतित, पराक्रमी, मित्रों से मेल-मिलाप रखने वाला तथा खाने-पीने व अच्छी पोशाकें पहनने का शौकीन होता है।
अगर नक्षत्र शतभिषा हो तो इसमें सामान्यत: सवारी, वाहन, चांदी, मोती, फूल, वास्तु और शस्त्र संबंधी समस्त कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।
शतभिषा नक्षत्र में जन्मा जातक धनी, सत्यवादी, दानी, प्रसिद्ध, अच्छे काम करने वाला, बुिद्धमान, होशियार, सफल एवं शत्रु विजेता तथा सर्वत्र मान-सम्मान पाने वाला होता है। पर किसी-किसी जातक की परिवेश वश जुए सट्टे आदि में रुचि बढ़ जाती है। इनका 28 वां वर्ष विशेष महत्वपूर्ण होता है। क्रूर ग्रह की महादशा में शनि, केतु, सूर्य के अन्तप्र्रत्यन्तर में शत्रु कष्ट व चोरी आदि का भय रहता है।