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स्वतंत्र ‘भारत’ की कुंडली में कई अच्छे संयोग, नरेंद्र मोदी सरकार के लिए शुभ योग


15 अगस्त 2018 को भारत अपना 72 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। ज्योतिषशास्त्र में इन विषयों के जानने के लिए वर्ष कुंडली बनाई जाती है। वर्ष कुंडली जन्म के समय जिस अंश पर सूर्य होता है उस अंश पर सूर्य के आने के समय से बनाई जाती है। इस विधा को ‘वर्षफल’ या ‘ताज़िक’ के नाम से भी जाना जाता है । उत्तर भारत में मुगलकाल के दौरान मुस्लिम बादशाहों के दरबार में ज्योतिषियों ने ‘वर्षफल’ या ‘वर्ष कुण्डली’ की इस विधा को विकसित किया जो बाद में अरब जगत में पहुंचकर ‘ताजिक’ के नाम से प्रसिद्ध हुई। भारत के पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में वर्षफल का विशेष रूप से प्रचलन है। इन राज्यों में ज्योतिषी प्राय: योगिनी दशा का प्रयोग वर्ष कुण्डली के साथ करते हैं। इसी विधि से हम आजाद भारत की कुंडली के 71 वर्ष पूर्ण होने पर वर्ष कुण्डली बनाकर देखते हैं तो आने वाले एक वर्ष में भारत की अर्थव्यस्था में गजब की तेजी आने के संकेत दिख रहे हैं। आजाद भारत की कुंडली 15 अगस्त 1947 को वृषभ लग्न की है जहां चन्द्रमा कर्क राशि में तृतीया भाव में चार अन्य ग्रहों के साथ स्थित हैं। 15 अगस्त 2018 को सुबह 4 बजकर 50 मिनट पर सूर्य कर्क राशि में 27 अंश 59 कला पर आजाद भारत के जन्मकालीन सूर्य पर जब पहुंच जाएंगे तब के समय के आधार पर भारत की वर्ष कुंडली बनेगी जिसमें कर्क लग्न उदित हो रहा होगा। कर्क राशि भारत की कुंडली का तीसरा घर है जो कि देश के पड़ोसी देशों के साथ-साथ पराक्रम और सेना का भी प्रतिनिधित्व करता है।

कर्क लग्न की वर्ष कुंडली में दशमेश और पंचमेश मंगल उच्चराशि में होकर सप्तम भाव में है, इस योग के फलस्वरूप जहां देश की अर्थव्यस्था में तेजी आएगी तो वहीं दूसरी ओर भारत के पड़ोसी देशों जैसे चीन और पाकिस्तान से आगामी एक वर्ष में संबंध बिगड़ने की आशंका है। सप्तम भाव विदेश व्यापार के साथ-साथ युद्ध का भी संकेत देता है। वर्षकुण्डली में सप्तम भाव में बैठा मंगल आगामी एक वर्ष में भारत में विदेशी निवेश को बढ़ाएगा किन्तु देश की सीमाओं पर युद्ध जैसे हालातों का भी निर्माण करेगा। कर्क लग्न की वर्ष कुंडली में मुंथा राजसत्ता यानी कुंडली के दशम भाव में है तथा मुंथेश मंगल उच्च के होकर सप्तम भाव में हैं। इस योग के प्रभाव से वर्तमान केंद्र सरकार के सत्ता में पुनः आने के अच्छे संकेत बन रहे हैं। वर्ष कुंडली में दशम भाव पर चौथे घर में बैठे गुरु पूर्ण दृष्टि बनाए हुए हैं यह योग केंद्र सरकार के द्वारा समाज कल्याण की योजनाओं पर अधिक धन खर्च करने के ज्योतिषीय संकेत दे रहे हैं जिससे भाजपा को वर्ष 2019 के चुनावों में लाभ होने की प्रबल संभावना है। वर्ष कुंडली के दशम भाव पर पड़ रही मंगल और गुरु की दृष्टि केंद्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचार विशेषकर बेनामी सम्पत्तियों के विरुद्ध एक बड़ी कार्यवाही का संकेत है।

शुक्र और चन्द्रमा की वर्ष कुंडली में तीसरे घर में स्थिति खेलजगत, संगीत और मनोरंजन के क्षेत्र में भारत की उन्नति का सूचक है। देश की शिक्षा नीति में खेलों और संगीत को बढ़ावा देने से सम्बंधित नयी योजनाएं आने वाले एक वर्ष में बन सकती हैं। योगिनी दशा में भारत की कुंडली में पिंगला यानि सूर्य की दशा चल रही है जो कि वर्ष कुंडली में लग्न में बुध और राहु के साथ बैठा है। यह योग देश की बैंकिंग और शेयर बाजारों में बड़े सुधारों का संकेत है। इस वर्ष के सितम्बर -अक्टूबर तथा अगले वर्ष के मई के महीनों में शेयर बाजार में बड़े स्टॉक्स की कीमतों में गिरावट के बाद सरकार ट्रेडिंग के नियमों में बदलाव ला सकती है। वर्ष कुंडली के सप्तम भाव में बैठा मंगल विवाह सम्बन्धी कानूनों जैसे तीन तलाक, हलाला प्रथा और हिन्दू मैरिज एक्ट में बड़े बदलाव ला सकता है

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