जीवनशैली
स्वामी विवेकानंद के विचार
स्वामी विवेकानंद का नाम नरेंद्र था जो बचपन से ही प्रतिभाशाली थे। अच्छे तैराक, कुशल अश्वारोही, मंजे हुए पहलवान, गुल्ली डंडा, मुक्केबाजी, लाठी तलवार, आदि में सिद्धहस्थ थे। पढ़ने में वे बहुत ही प्रखर थे। अखाड़े में वे नित्य कुश्ती लड़ने जाते थे। भारत में अखाड़ों के देवता हनुमान जी माने जाते हैं। नरेंद्र हनुमान जी (महावीर) से इतने प्रभावित थे कि अपने एक भाषण में उनने कहा है- सारे भारत में महावीर की पूजा चालू कर दो। हमें संयमी, आत्मबल, युवा चाहिए। दुर्बल जाति के सामने हमें इस महावीर का आदर्श उपस्थित करना है। शरीर में बल नहीं, हृदय में साहस नहीं तो क्या होगा, इन जड़पिंडों से। हम पर शासन करने वो अंग्रेज यहां इसलिए आ सके, क्योंकि हम दुर्बल थे, मेरी इच्छा है कि घर घर महावीर की पूजा हो।