भारत ऐसे देशों में से एक है, जो खौफनाक दुश्मनों से घिरा हुआ है। इसलिए सवा अरब जनता पर आंच न आने देने लायक असलाह विकसित किए हुए। भारत मिसाइल क्षमता के मामले में चीन से भी कुछ आगे है। भारत ने अपनी रक्षा प्रणाली और खासकर मिसाइल तकनीक को विकसित किया है। अग्नि और पृथ्वी श्रृंखला इसका स्पष्ट उदाहरण हैं। मिसाइलों के क्षेत्र में भारत ने 80 के दशक में कदम बढ़ाया था। लगातार विकसित होती तकनीक और वैज्ञानिक क्षमताओं के विकास ने भारतीय मिसाइल रक्षा प्रणाली को और मारक बना दिया है। आइए जानते हैं कि भारत की मिसाइल ताकत क्या है…
पृथ्वी: ये एक ऐसी मिसाइल है, जिसका इस्?तेमाल भारतीय सेना की तीनों इकाइयां- थल, वायु और नौसेना में होता है। तीनों सेनाओं के लिए पृथ्वी मिसाइल के अलग-अलग वर्जन बनाए गए हैं।पृथ्वी-1: यह खास तौर से थल सेना के लिए बनाई गई है, जिसकी रेंज 150 किलोमीटर है। यह अपने साथ 1000 किलो बारूद ले जाने में सक्षम है। इसे जमीन से दागा जाता है।पृथ्वी-2 यह विशेष रूप से वायुसेना के लिए बनाई गई है। इसकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर तक है और इसमें 500 किलो बारूद भरा जा सकता है। इसे किसी भी लड़ाकू विमान से दागा जा सकता है।पृथ्वी-3 यह मिसाइल नौसेना के लिए बनाई गई है। किसी भी लड़ाकू जहाज से इस मिसाइल का प्रक्षेपण किया जा सकता है। इसकी रेंज 350 किलोमीटर है।
अग्नि: भारतीय मिसाइल रक्षा प्रणाली की रीढ़ कही जाने वाली अग्नि मिसाइलें आज देश की बड़ी ताकत हैं। इन्हें भी लगातार विकसित किया जा रहा है। 5 वर्जन वाली अग्नि मिसाइलों को भारतीय उपमहाद्वीप की घातक मिसाइलों में माना जाता है। इसके चौथे वर्जन की जद में पूरा पाकिस्तान और आधा चीन तक है।
ब्रह्मोस: यह सुपर सोनिक मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ ने रूस के एनपीओ के साथ मिलकर बनाया गया है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर है और इसका वजन तीन टन है। इसमें 300 किलो तक बारूद भरा जा सकता है। इसे थल सेना और नौसेना के लिए बनाया गया है। इसकी गति 2.5 से 2.8 मैक स्पीड है। यह दुनिया की सबसे तेज गति से चलने वाली क्रूज मिसाइल है। ये जहाज, पनडुब्बी और हवा समेत कई प्लेटफॉर्म से दागी जा सकती है।
आकाश: यह मिसाइल 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर 30 किलोमीटर की दूरी पर उड़ते हुए लड़ाकू विमान को निशाना बना सकती है। इसमें परमाणु सामग्री भी भरी जा सकती है। यह एक बार में कई टारगेट पर निशाना साध सकती है। ये हर तरह के मौसम में काम करती है साथ ही एक ही समय कई तरफ से आने वाले टारगेट को निशाना बना सकती है।
धनुष: यह मिसाइल असल में पृथ्?वी-3 से बनी है, जो खास तौर से नौसेना में इस्?तेमाल होती है। इसकी रेंज 250 से 350 किलोमीटर है। इस मिसाइल का निर्माण डीआरडीओ में साल 2000 में किया गया था। इसे पहली बार आईएनएस सुभद्रा से छोड़ा गया था।
शौर्य: कम दूरी तक मार करने वाली यह मिसाइल भारतीय थल सेना के लिए बनाई गई है। इसमें 1000 किलोग्राम तक परमाणु सामग्री भरी जा सकती है। इसकी रेंज 600 किलोमीटर की है।
सागरिका: यह मिसाइल भी नौसेना के लिए बनाई गई है। इस मिसाइल को सीधे पनडुब्?बी से दागा जा सकता है। इसकी लंबाई 8.5 मीटर है और 500 किलो तक बारूद ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल की रेंज 750 किलोमीटर है।
मोक्षित: रूसी तकनीक से बनी इस मिसाइल की रेंज 120 किलोमीटर है, जिसका इस्?तेमाल सिर्फ नौसेना में किया जाता है।
प्रहार: यह भारत की कम रेंज वाली एक शक्तिशाली मिसाइल है। इसकी रेंज 150 किलोमीटर की है। यह खास तौर से थल सेना और वायुसेना के लिये बनाई गई है। यह मिसाइल मात्र 250 सेकंड में 150 किलोमीटर की दूरी तय करती है।