हाईटेक शहर का आकार लेता सपनों का शहर लखनऊ , मिलेगा रोजगार
इसके तहत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 13 अप्रैल को आईटी सिटी पहुंचेंगे और एचसीएल में ट्रेनिंग ले रहे युवाओं से रूबरू होंगे। खास यह कि सीजी सिटी के ज्यादातर प्रोजेक्ट विधानसभा चुनाव के बाद पूरे होने हैं।
पर, आईटी सिटी समेत अन्य परियोजनाओं के काम की रफ्तार का प्रचार कर सरकार यह दिखाने की कोशिश करेगी कि उसकी योजनाएं तेजी से आकार ले रही हैं।
13 अप्रैल को आईटी सिटी में प्रस्तावित कार्यक्रम में एचसीएल में ट्रेनिंग ले रहे युवाओं और उनके माता-पिता को आमंत्रित करने की तैयारी है। यही नहीं, सूबे में चल रही एचसीएल फाउंडेशन की गतिविधियों से जुड़े युवाओं को भी बुलाया जा सकता है।
सीएम इसी कार्यक्रम में युवा और रोजगार के अपने एजेंडे को धार देंगे। इस कार्यक्रम में एचसीएल फाउंडेशन के चेयरमैन शिव नाडर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
एचसीएल ऐसा समूह है जिसने प्रदेश सरकार के सबसे अहम पीपीपी प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया है। इसके अलावा सरकार को अपने सभी बड़े प्रोजेक्ट सरकारी खजाने से आगे बढ़ाने पड़े हैं।
सीजी सिटी में आईटी सिटी डवलप कर रही एचसीएल के ट्रेनिंग सेंटर का काम तेजी चल रहा है। हालांकि संस्था इसके पहले ही 150 युवाओं को ट्रेनिंग दी रही है।
आईटी सिटी में आगे चलकर हर साल 5000 युवाओं को ट्रेनिंग व नौकरी दी जाएगी। परियोजना पूरा होने पर 25 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व 50 हजार को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
सीजी सिटी में कई अन्य महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट ने भी रफ्तार पकड़ ली है। उच्चस्तरीय कैंसर संस्थान में ओपीडी ब्लाक तेजी से आकार ले रहा है तो अमूल व पराग डेयरी का काम भी जोरों पर है।
आईएएस अफसरों के बच्चों के लिए बन रहे संस्कृति स्कूल व आईएएस अफसरों के लिए सीएसआई टॉवर का काम भी शुरू हो गया है। अल्प आय वर्ग और दुर्बल आय वर्ग के लिए आवास के लिए भी काम शुरू हो गया है।
कई परियोजनाओं के रफ्तार पकड़ने के बावजूद 50 एकड़ में प्रस्तावित ट्रिपल आईटी का काम नजर नहीं आ रहा है। यहां प्रस्तावित जमीन के सामने इसका बोर्ड जरूर लगा है लेकिन काम नहीं हो रहा है।
यहां 2015-16 में ही पढ़ाई शुरू करने की योजना थी, लेकिन 2016-17 में भी इसकी उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
सिजी सिटी में 100 एकड़ में बसाई जाने वाली एलडीए की आवासीय कॉलोनी को प्रदेश की पहले मिनी स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। प्राइवेट बिल्डर और प्राधिकरण मिलकर कॉलोनी बनाएंगे।
यहां बनाए जाने वाले ई-भवनों को खोलने-बंद करने का सिस्टम पूरी तरह कंप्यूटर आधारित होगा। दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपने घर की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। समस्याओं के समाधान मोबाइल एप से किया जाएगा।
इसके अलावा स्मार्ट सिटी की तमाम सुविधाएं एलडीए की इस कॉलोनी में मिलेंगी। फिलहाल एलडीए विजन 2025 के तहत ई-सिटी का प्रारूप तैयार करने में जुटा है।
कंप्यूटर आधारित ऑन-ऑफ सिस्टम की सुविधा के अलावा ई-सिटी में एक ही टनल के जरिये सीवर, कूड़ा, गंदा पानी का निस्तारण किया जाएगा। कई अन्य सुविधाएं भी इस मिनी स्मार्ट सिटी के बाशिंदों को मिलेंगी।
ऐसी ही ई-शहर की परिकल्पना
– सभी भवन पूरी तरह स्मार्ट तकनीक से लैस होंगे।
– पूरे घर के लॉक और स्विच ऑफ कंप्यूटर के जरिये दुनिया के किसी भी हिस्से खोल या बंद कर सकेंगे।
– एक सॉफ्टवेयर में कोडिंग के जरिये कुछ नंबर दबा कर आप ये काम कर सकेंगे।
– यहां की नगरीय व्यवस्था पूरी तरह से ऑनलाइन होगी।
– शिकायत से लेकर उसका निस्तारण करने की व्यवस्था बेहतर होगी।
– टैक्स पेंमेंट का ई-भुगतान संभव होगा।
– पूरी सिटी में कहीं भी ऊपर नाला, नाली, बिजली के तार नहीं दिखाई देंगे।
– एक ही टनल के जरिये सीवर, कूड़ा और गंदा पानी का निस्तारण किया जाएगा।
– सौर ऊर्जा से जलेंगी स्ट्रीट लाइटें
– सड़कों पर सफाई भी मशीनों के जरिये की जाएगी।
– आरओ सिस्टम के जरिये मिलेगा साफ पानी।
लविप्रा के उपाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सिंह का कहना है हम एक ई-सिटी बनाने की तैयारी में लगे हैं। सीजी सिटी परिक्षेत्र में ऐसा ही एक मिनी शहर बसाया जाएगा।ये विजन-2025 का ही हिस्सा है। इसपर जमीनी काम बहुत जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इस शहर में स्मार्ट सिटी की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।