नई दिल्ली : भारत में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। देश के कई ऐसे लोग हैं जो विदेशों में रहते हैं और वह आराम से अपनी मातृभाषा यानि हिंदी में बात कर सकते हैं। कई ऐसे देश हैं जो अपने मुल्क में हिंदी बोलने की आजादी देते हैं।
जर्मनी : जर्मनी में तो कई दशकों से हीडलबर्ग, लीपजिग और बॉन सहित विश्वविद्यालयों और शहरों में हिंदी और संस्कृत पढ़ाई जा रही है।
संयुक्त राज्य अमेरिका : जानकर आश्चर्य होगा, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका हिंदी भाषी लोगों के तीसरे सबसे बड़े समूह का घर है। लगभग 650,000 लोग यहां हिंदी भाषा बोलते हैं, जो इसे संयुक्त राज्य में 11वीं सबसे लोकप्रिय विदेशी भाषा बनाती है। हालांकि, अंग्रेजी भाषा के वर्चस्व के कारण भाषा बोलने वाले ज्यादातर इसका इस्तेमाल घर पर करते हैं। संयुक्त राज्य में हिंदी के मूल वक्ता बहुत कम हैं, जिनमें से अधिकांश भारत के अप्रवासी हैं।
मॉरीशस : मॉरीशस के एक तिहाई लोग हिंदी भाषा बोलते हैं। देश का संविधान राष्ट्रीय भाषा को स्पष्ट नहीं करता है, हालांकि अंग्रेजी और फ्रेंच संसद की आधिकारिक भाषा हैं। अधिकांश मॉरीशस मूल भाषा के रूप में मॉरीशस क्रियोल बोलते हैं।
फिजी : फिजी में हिंदी भाषा भारतीय मजदूरों के यहां आगमन के बाद आई। फिजी में ये उत्तर पूर्वी भारत से आए, जहां अवधी, भोजपुरी और कुछ हद तक मगही बोलियां बोली जाती थीं। इन बोलियों को उर्दू के साथ जोड़ा गया, जिसके परिणामस्वरूप एक नई भाषा का निर्माण हुआ, जिसे शुरू में फिजी बाट के रूप में जाना जाता था।
न्यूजीलैंड : न्यूजीलैंड-भारत सस्टेनेबिलिटी चैलेंज 2017 के अनुसार, हिंदी न्यूजीलैंड में “चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली” भाषा है। दोनों देशों के बीच बढ़ते सांस्कृतिक संबंध इसकी बड़ी वजह है।
नेपाल : नेपाल में हिंदी भाषी लोगों का दूसरा सबसे बड़ा समूह है। लगभग आठ मिलियन नेपाली हिंदी भाषा बोलते हैं। हालांकि, एक बड़ी आबादी द्वारा हिंदी बोले जाने के बावजूद, नेपाल में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है। 2016 में सांसदों ने हिंदी भाषा को एक राष्ट्रीय भाषा के रूप में शामिल करने की मांग की थी।