अद्धयात्म

हिमाचल के इन मंदिरों पर लगी है अजीब तरह की पाबंदियाँ

भारत में हजारो मंदिर है। जिनमें से कई मंदिर बहुत ही आलीशान और भव्य है। तो कुछ छोटे लेकिन उनकी मान्यता और विश्वास बङा है। जब भी हम मंदिर जाते है हमे अक्सर कुछ बातो का ध्यान रखने को कहा जाता है जैसे मांस -मदिरा का सेवन करके कभी मंदिर नही जाना चाहिए। नहा धोकर ही मंदिर में जाना चाहिए और जूते चप्पल पहनकर कभी नही जाना चाहिए। लेकिन ये आम नियम जो हम सभी जानते है। इनके अलावा आपने मंदिरों में कोई खास नियम नही सुने होंगे।

हिमाचल के इन मंदिरों पर लगी है अजीब तरह की पाबंदियाँ

लेकिन हम आज जिस जगह के बारे में बताने जा रहे है। हिमाचल के मंदिर में कोई न कोई अनोखा नियम है  जिसे वहां जाने वाले हर व्यक्ति को मानना पङता है। हिमाचल प्रदेश भारत के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन में से एक है जहां एक से बढकर एक जगह घूमने के लिए। जहां हर साल हजारों सैलानी आते है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड दोनो को देवभूमि भी कहा जाता है। जिस वजह से हिमाचल में भी आपको एक से बढकर एक मंदिर देखने को मिलेगे। जिनकी मान्यता अद्भुत है। लेकिन हिमाचल में एक जगह ऐसी भी जहां मौजूद हर मंदिर के अपने नियम है।

इस जगह का नाम है कुल्लू । कुल्लू बेहद ही खूबसूरत जगह । लेकिन यहां के मंदिरों के नियम थोङे से उटपटे है ।ऐसा इसलिए है क्योंकि कुल्लू में  मौजूद सभी मंदिर त्रता और द्रोपर युग के है । जिन्हे कुछ नियमो के साथ बनाया गया था।

हिमाचल के मंदिर की पाबंदियाँ

चमङे की चीजों को लेकर जाना है माना

कुल्लू के भलयाणी गांव में भगवान कृष्ण का एक मंदिर है । इस मंदिर में आने के लिए  जूते 300 मीटर दूर ही उतारकर आने पङते है। साथ ही चमङे की बैल्ट , पर्स भी जूते के साथ ही रखकर आने होते है । यहां चमङे की चीजों को लाना मना है । साथ ही बीङी सिगरेट लेकर जाना भी इस गांव में मना है । इस गांव चमङे सा बनी चीजें और बीङी सिगरेट आपको कही नही मिलेगा ।

झूठी कसम खाने पर मिलता है दण्ड

आपको जब भी किसी को विश्वास दिलाना होता है तो आप अपने प्रिय इंसान की कसम खा लेते हो। कई लोग मजाक में या ऐसे ही झूठी कसम भी खा लाते है क्योंकि वो लोग कसम पर यकीन नही करते । लेकिन हिमाचल के कशु नारायण मंदिर में झूठी कसम खाना आपको बहुत मंहगा पङ सकता है । यहां की मान्यता के अनुसार यहां झूठी कसम खाने वाले को भगवान उसी वक्त दण्ड देते है । जिस वजह से यहाँ कसमे खाना मना है ।

कहीं जाने से पहले लेनी पङती है मंदिर में परमिशन

कुल्लू के चंमुडा मदिंर में खङे होकर पूजा करना मना है और तौर ओर कोई भी शुभ काम करने से पहले या कही घूमने जाने से पहले मंदिर में जाकर भगवान से इज्जात लेनी पङती है अगर भगवान ने इशारा कोई करके रोक दिया तो। उस काम को रोक दिया जाता है 

मंदिर में कुर्सियों पर बैठना है सख्त मना

कुल्लू के मंग्लेश्वर मंदिर में कुर्सियां लगाना मना है यहाँ लोग जमीन पर बैठकर ही खाना खाते है । और पूजा पाठ भी जमीन पर बैठकर की जाती है इस मंदिर के पास बसे गांव में भी किसी भी घर में कोई कुर्सी या खाट नही है बैठने के लिए । साथ ही इस गांव के सभी मंदिरों में शोर मचाना सख्त मना है । ऐसा करने पर भारी दंड चुकाना पङता है ।

कई मंदिरों में सैलानियों का जाना हि निषेध

कुल्लू के कई मंदिरों के गृभ गृह में केवल पुजारी प्रवेश करते है । इसके आलावा यहां विदेशी सैलानियों का ऋषि जमूल के मंदिर में जाना सख्त माना है यहाँ तक कि मंदिर के आस पास के इलाकों घूमना भी मना है ऐसा करते पाए जानृ पर सैलानियों को जुर्माना भरना पङता है । यहां देवियों की रथ यात्रा निकाली जाती है जो हमेशा सूर्यास्त के बाद ही निकाली जाती है।

 

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