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हो गयी सबसे बड़ी भविष्‍यवाणी, 18 महीने में सात चुनाव हारेगी कांग्रेस ?

देश की राजनीति में कांग्रेस पार्टी के लिए राह बेहद मुश्किल हो चली हैं  , ना उसे आगे की बात सूझ रही है ना पीछे की  , अब राजनीति के गलियारों में जो भविष्‍यवाणी जानकारों और पंडितों द्वारा की जा रही है वो कांग्रेस के हितेशियों के लिए बेहद डराने वाली है।

 

असल में  , आने वाले 18 महीने में देश के कुल सात राज्‍यों में विधानसभा और लोकसभा के उप चुनाव होने हैं और इनमे भाजपा का पलड़ा काफ़ी भारी दिख रहा है  और इन विधानसभा चुनावों से पहले ही कांग्रेस पार्टी की हालत खराब होती जा रही है। उसका चेहरा जनता के सामने बेनकाब होता जा रहा है। पार्टी ऐसा कुछ भी नहीं कर पा रही है जिसे देख कर ये कहा जा सके कि वो बीजेपी और PM मोदी को टक्‍कर दे पाएगी , टक्कर तो दूर की बात पार्टी अपने लोगों को ही सम्भाल नहीं पा रही है ।

ज्‍यादातर जानकारों का कहना है कि इसमें कोई गुंजाइश नहीं है कि 2019 का चुनाव बीजेपी के पाले में जाएगा और सात राज्‍यों में होने वाले विधान सभा चुनावों में भी जीत भाजपा की ही होगी। सात राज्‍यों में से 6 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं , जबकि इसके साथ ही, पंजाब में एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव और 4 नगर निगमों के लिए चुनाव होने हैं। बता दें कि इस साल के अंत में हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा का चुनाव होगा । जबकि अगले साल कर्नाटक, राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश और छत्‍तीसगढ़ में चुनाव होने हैं , हर जगह कांग्रेस पार्टी दुविधा में है ।

सबसे पहले PM मोदी के गृहनगर गुजरात  से शुरू करते हैं  , वहाँ की बात करें तो विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस के सबसे वरिष्‍ठ नेता शंकर सिंह वाघेला बगावत कर चुके हैं और कांग्रेस पार्टी यहां पर टूट चुकी है। गुजरात की हालत ये है कि कांग्रेस पार्टी के सबसे मजबूत नेता अहमद पटेल का राज्‍यसभा पहुंचना मुश्किल हो गया है।

अब बात करते हैं हिमाचल प्रदेश की जहाँ इस वक्‍त कांग्रेस की सरकार है । वीरभद्र सिहं हिमाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री हैं लेकिन ख़ुद वीरभद्र सिंह लंबे समय से भ्रष्‍टाचार के आरोप में घिरे हुए हैं। उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है। लोगों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश की जनता कांग्रेस के इस कथित भ्रष्‍टाचार से अब ऊब चुकी है , इसके अलावा वीरभद्र के ख़ुद के इलाक़े में एक बालिका गुड़िया के साथ हुए जघन्य बलात्कार के अपराध के बाद कांग्रेस की स्थिति वहाँ बेहद पतली है, लोगों का तो ये भी कहना है कि जनता इस क़दर ग़ुस्से में है कि पहली बार वीरभद्र ख़ुद हार जाएँ तो आश्चर्य की बात नहीं होगी।

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दूसरा राज्य जहाँ कांग्रेस सत्ता में है वो है कर्नाटक  , वहाँ भी कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्‍छी नहीं है।सिद्धारमैया की सरकार में तमाम ऐसे कांड सामने आ चुके हैं। जिससे लोगों का सिर शर्म से झुक चुका है। उधर बाक़ी जगह की बात की जाए तो मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ तीनों ही जगहों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्‍जा और दबदबा है लेकिन राजस्थान में भाजपा के ख़िलाफ़ काफ़ी असंतोष की ख़बरें सामने आ रही हैं  , कांग्रेस के लिए मध्‍यप्रदेश से शिवराज सिंह चौहान को हिलाना मुश्किल है। छतीसगढ़ में कांग्रेस कुछ बढ़त हासिल कर सकती है लेकिन भाजपा से कुर्सी छीन लेने की स्थिति में नहीं दिखती।  और ना ही कोई ऐसा नेता है जिसे देखकर ये कहा जा सके कि वो बीजेपी को टक्‍कर दे पाएगा।

ऐसे में राजनैतिक पंडितों का तो यही कहना है कि सात राज्‍यों के सेमीफाइनल को बीजेपी ने चुनाव से पहले ही जीत लिया है और कांग्रेस की हालत बेहद पतली है ।

 

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