अंगुलियों की बनावट से जानिए अपना स्वभाव और भविष्य से जुड़ी कुछ बाते
किसी भी व्यक्ति के हाथ की रेखाओं को यदि ध्यान से पढ़ा जाए तो उस व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान का आसानी से पता लगाया जा सकता है। हस्तरेखा विशेषज्ञों की मानें तो अंगुलिया भी व्यक्ति विश्लेषण में सहायक होती है। प्रत्येक व्यक्ति की अंगुलियां अलग-अलग प्रकार की होती हैं। जिसमें पहली अंगुली को तर्जनी, दूसरी अंगुली को मध्यमा, तीसरी अंगुली को अनामिका तथा चौथी अंगुली को कनिष्ठा कहा जाता है और प्रत्येक अंगुली तीन भागों में बंटी होती है, जिन्हें सामान्य बोलचाल की भाषा में पोर कहा जाता है। ये अंगुलियां बृहस्पति, शनि, सूर्य तथा बुध पर आधारित होती हैं। आइए जानते आपकी अंगुलियां की बनावट में छिपे कुछ राज के बारे में…
यदि किसी व्यक्ति की अंगुलियां आगे से नुकीली हों और अंगुलियों में गांठ न दिखे तो ऐसे व्यक्ति कला, साहित्य, प्रेमी तथा धार्मिक सोच के होते हैं और इनमें काम करने की क्षमता औरों की अपेक्षा कम होती है। ऐसे व्यक्ति सासंरिक दृष्टि से कामचोर भी होते हैं। यदि किसी व्यक्ति की अंगुलियां लंबी है तो ऐसे व्यक्ति दूसरों के काम में अधिक हस्तक्षेप करने वाले होते है।
यदि किसी व्यक्ति की अंगुलियां लंबी और पतली है तो वह व्यक्ति चतुर तथा नीतियों का ज्ञाता होता है। छोटी अंगुलियों वाला वह व्यक्ति अधिक समझदार होता है।
छोटी अंगुलियां वाला व्यक्ति सुस्त, स्वार्थी तथा क्रूर स्वभाव का होता है। जिस व्यक्ति की पहली अंगुली बहुत बड़ी होती है, वह व्यक्ति तानाशाही अर्थात लोगों पर हुकूम चलाने वाला होता है।
जिस व्यक्ति की सभी अंगुलियों को मिलाने पर तर्जनी और मध्यमा के बीच जगह दिखें तो व्यक्ति को 35 वर्ष की उम्र तक धन की कमी रहती है। यदि मध्यमा और अनामिका अंगुली के बीच छिद्र होता है तो व्यक्ति के मध्य जीवन में धन की कमी बनी रहती है।
अनामिका और कनिष्का अंगुली के बीच छिद्र बुढ़ापे में निर्धनता को दर्शाता है। जिस व्यक्ति की कनिष्ठा अंगुली छोटी तथा टेड़ी-मेड़ी हो तो वह व्यक्ति हर काम के प्रति जल्दबाज तथा लोगों के प्रति बेईमान होता हैं।