अंडे का यह हिस्सा भूलकर भी न खाएं, शरीर को पहुँचता है नुकसान
संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे. यह तो आपने खूब सुना होगा. काफी लोग शरीर को फायदा देने के कारण अंडे का ब्रेक फास्ट में नियमित सेवन करते हैं. कई शोध से भी साफ हो चुका है कि अंडे का सेवन शरीर को एनर्जी देने के साथ ही वजन कम करने में भी सहायक है. लेकिन क्या आपको पता है कि अंडे का सफेद हिस्सा आपके शरीर के लिए कई तरह से नुकसानदेह है. अंडे के सफेद हिस्से के सेवन से शरीर में एलर्जी हो सकती है. हालांकि अंडे का यह हिस्सा फैट फ्री और लो कैलोरी वाला होता है. आगे पढ़िए अंडे के सफेद हिस्से के नुकसान.
किडनी के लिए नुकसानदेह
अंडे के सफेद भाग में प्रोटीन की अत्यधिक मात्रा होती हैं, जिस कारण किडनी की समस्या से ग्रसित व्यक्ति के लिए हानिकारक होता हैं. क्योंकि किडनी की समस्या के कारण लोगों में ग्लोमेरूलर फिल्टरेशन रेट (जीएफआर) की मात्रा कम होती है. जीएफआर एक तरह से तरल पदार्थ की प्रवाह दर होती है जो किडनी को फिल्टर करती हैं. पर अंडे के सफेद भाग में मौजूद प्रोटीन जीएफआर की मात्रा कम कर देता हैं.
मांसपेशियों में दर्द की समस्या
अंडे का सफेद हिस्सा खाने से बायोटिन की कमी हो जाती हैं. बायोटिन की कमी को विटामिन B7 और विटामिन H कहते हैं. अंडे के सफेद भाग में मौजूद एब्यूमिन के सेवन से शरीर को बायोटिन अवशोषित करने में परेशानी होती है. इस कारण त्वचा संबंधित समस्याएं होती हैं. इसे खाने से मांसपेशियों में दर्द, बालों का झड़ना जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं. अंडे के सफेद भाग में मौजूद एब्यूमिन का अत्यधिक सेवन करने से शरीर को बायोटिन अवशोषित करने में परेशानी होती है.
एलर्जी का खतरा
कुछ लोगों को अंडे के सफेद भाग से एलर्जी होती हैं. लेकिन इसका पता लगाना आसान नहीं हैं, इसके लक्षण शरीर पर चकत्ते बनना, त्वचा में सूजन और लाल होना, ऐंठन, दस्त, खुजली और आंखों में पानी भरना आदि हैं, जिससे अंडे से हुई एलर्जी का पता लगाया जा सकता है. अंडे की सफेदी से लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, रक्तचाप में गिरावट आ जाती है और बेहोशी जैसा महसूस होने लगता है.
साल्मोनेला बैक्टीरिया से दूषित
अंडे का सफेद भाग साल्मोनेला से दूषित भी हो सकता हैं. साल्मोनेला एक ऐसा बैक्टीरिया है जो कि मुर्गियों की आंतों में पाया जाता है. यह अंडे के बाहरी आवरण और उसके अंदर भी पाये जाते हैं. साल्मोनेला को खत्म करने के लिए इन्हें ज्यादा देर तक और ज्यादा तापमान पर पकायें. अंडे के ऊपरी हिस्से और कम उबले हुये अंडों में भी बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं.