अन्तर्राष्ट्रीयटॉप न्यूज़फीचर्ड

अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान ने ऐंटी-टेरर लॉ में किया संशोधन

आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले पाकिस्तान पर जब-जब अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता है तो वह कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करता है। इसी कड़ी में उसने एक ऐंटी-टेरर लॉ को संशोधित किया है। ‘डॉन’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पिछले शुक्रवार को चुपके से ऐंटी-टेररिजम ऐक्ट, 1997 में संशोधन वाले अध्यादेश पर दस्तखत कर दिए।अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान ने ऐंटी-टेरर लॉ में किया संशोधन

अध्यादेश को मंजूरी के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ की सूची में शामिल आतंकी संगठनों और आतंकियों को भी प्रतिबंध के दायरे में लाया गया है। ऐंटी-टेरर कानून में सुधार के बाद मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और आतंकी सरगना हाफिज सईद से जुड़े जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को भी प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल किया गया है। ‘डॉन’ के मुताबिक अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने को सोमवार को सार्वजनिक किया गया। 

पाकिस्तान के इस अध्यादेश से जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत के साथ-साथ अल-अख्तर ट्रस्ट और अल-राशिद ट्रस्ट जैसे संगठनों पर भी प्रतिबंध का रास्ता साफ हो गया है। ये सभी आतंकी संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल हैं। बता दें कि अमेरिका कई बार पाकिस्तान को आगाह कर चुका है कि वह अपनी जमीन से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों और आतंकियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करे। 

संयुक्त राष्ट्र संघ भी पाकिस्तान पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव डालता रहा है। पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘1267 समिति’ की मॉनिटरिंग टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था। टीम के दौरे का उद्देश्य प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल आतंकी संगठनों और आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई का जायजा लेना था। बता दें कि UNSC की ‘1267 समिति’ ही तय करती है कि किन संगठनों और आतंकियों को प्रतिबंधित सूची में जगह दी जाए। ‘डॉन’ के मुताबिक पाकिस्तान को डर था कि संयुक्त राष्ट्र उसके खिलाफ कुछ दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है। 
 

Related Articles

Back to top button