अंधेरी रात में काला धन घोषित करने पहुंचे कई कारोबारी
रायपुर, ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में काला धन घोषित करने के आखिरी दिन शुक्रवार की रात 12 बजे तक काले कुबेर आयकर दफ्तर पहुंचते रहे। बड़े कारोबारियों के सीए, तो छोटे कारोबारी खुद ही अपने दस्तावेज लेकर पहुंचे। आयकर विभाग ने बड़ी संख्या में पहुंच रहे कारोबारियों से फॉर्म लिया और उनकी ऑनलाइन एंट्री की। आयकर विभाग के आला अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को रात दस बजे तक कारोबारियों को टोकन दिया गया। इस दौरान 460 कारोबारी दफ्तर पहुंच गए थे। नईदुनिया ने आईडीएस स्कीम में काला धन घोषित करने पहुंच रहे कारोबारियों का जायजा लिया।
आखिरी दिन सुबह 10 बजे से काउंटर ओपन किया गया था। दोपहर एक बजे तक महज 10 से 12 कारोबारी पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि इस दौरान मध्यम दर्जे के रीयल एस्टेट कारोबारी पहुंचे। ये कारोबारी राजधानी और आसपास के इलाकों में छोटी-छोटी कालोनियां बना रहे हैं। लंच के बाद कारोबारियों के पहुंचने की रफ्तार तेज हुई, लेकिन सबसे ज्यादा कारोबारी शाम छह बजे के बाद पहुंचे।
इस दौरान बड़ी-बड़ी गाड़ियों में 30-35 कारोबारी एक घंटे के अंदर पहुंचे। अचानक ढेर सारे कारोबारियों के पहुंचने से दफ्तर में अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद कारोबारियों को टोकन दिया गया और एक-एक करके दस्तावेज जमा हुए। सीबीडीटी ने साफ किया है कि सरेंडर करने वालों की पहचान उजागर नहीं की जाएगी।
रजिस्टर्ड वैल्यूअर के आधार पर टैक्स जमा करना होगा, विभाग इसे चैलेंज नहीं करेगा। टीडीएस के लिए क्रेडिट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बेनामी संपत्ति अपने नाम ट्रांसफर करने पर कैपिटल गेन टैक्स और अन्य टैक्स नहीं लगेगा। कारोबारियों ने नईदुनिया को बताया कि इस निर्देश के बाद ही वे काला धन घोषित करने पहुंचे हैं।
तीन किस्तों में जमा करना है टैक्स
आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि काला धन घोषित करने के बाद तीन किस्तों में टैक्स का भुगतान करना है। पहली किस्त के रूप में 25 फीसदी टैक्स का भुगतान 30 नवंबर तक करना होगा। इसके बाद 25 फीसदी राशि का भुगतान 31 मार्च और शेष 50 फीसदी राशि का भुगतान 30 सितंबर तक करना है। ब्लैक मनी की जानकारी मैन्युअल, ऑनलाइन सिस्टम और सीपीसी के माध्यम से डायरेक्ट फॉर्म भरकर देने की सुविधा है। इसमें नकद टैक्स का भुगतान किया जा सकता है।
सबसे ज्यादा रीयल एस्टेट के कारोबारी
आयकर विभाग के आला अधिकारियों ने बताया कि काला धन घोषित करने वालों में सबसे ज्यादा रीयल एस्टेट कारोबारी हैं। स्टील सेक्टर और राइस मिलर्स दूसरे नंबर पर हैं। बताया जा रहा है कि बड़े अस्पताल के डॉक्टर और कुछ अधिकारियों ने भी काला धन घोषित किया है। अधिकारियों ने अधिकांश निवेश रीयल एस्टेट सेक्टर में करने की जानकारी दी है। कोल और पावर सेक्टर के कारोबारी भी पहुंचे। बताया जा रहा है कि कोल सेक्टर की अधिकांश कंपनियों का हेड ऑफिस दिल्ली और मुंबई में है, इसलिए वहीं काला धन घोषित हुआ है। छत्तीसगढ़ में पांच से सात छोटे कोल कारोबारियों ने काला धन घोषित किया।
आईडीएस स्कीम का रिस्पॉन्स अच्छा मिला है। इस स्कीम में कारोबारियों की जानकारी गोपनीय रखना है, इसलिए यह नहीं बताया जा सकता कि किन कारोबारियों ने काला धन घोषित किया है। लेकिन छत्तीसगढ़ के सभी रेंज में बड़ी संख्या में कारोबारी सामने आए हैं। प्रदेश के कई कारोबारियों ने ऑनलाइन घोषणा की है, जिसकी जानकारी उनके पास नहीं है। – केसी घुमरिया, सीसीआईटी, छत्तीसगढ़