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अंपायर के उस एक फैसले ने टीम इंडिया को दिलाई ”जीत”
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दरअसल, पहले वनडे मुकाबले में अंपायर विनीत कुलकर्णी ने दक्षिण अफ्रीका के पक्ष में कई फैसले दिए थे, जिसकी कप्तान धोनी ने जमकर आलोचना की थी। लेकिन दूसरे वनडे में अंपायर विनीत कुलकर्णी ने टीम इंडिया के पक्ष में उस वक्त एक निर्णय दिया, जिस वक्त टीम इंडिया को सख्त जरूरत थी और जो फायदेमंद भी साबित हुआ।
यह फैसला था दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज फरहान बेहरादीन का विकेट के पीछे कैच आउट का। मौका था 40वें ओवर का और दक्षिण अफ्रीकी टीम 200 स्कोर के नजदीक थी और क्रीज पर मौजूद फरहान बेहरादीन शानदार बैंटिग कर रहे थे। टीम इंडिया पर भी बेहरादीन को आउट करने का दबाव था।
तभी हरभजन सिंह ने 40वें ओवर की तीसरे गेंद को बेहरादीन ने खेला और विकेट के पीछे खड़े एमएस धोनी ने गेंद को लपक लिया। इस पर भारतीय खिलाड़ियों ने मामूली सी अपील की और अंपायर विनीत कुलकर्णी ने बिना देरी किए अंगुली उठा दी। अंपायर के फैसले से निराश फरहान बेहरादीन पवेलियन लौट गए।
हालाकि टीवी रिप्ले देखने के बाद पता चला कि गेंद बेहरादीन के पैड या दस्तानों से टकराई थी और स्निकोमीटर से भी यह साफ था कि बेहरादीन आउट नहीं है। बेहरादीन यदि अंपायर के गलत फैसले का शिकार नहीं होते तो मैच का नतीजा कुछ भी हो सकता था।
आपको बता दें कि टीम इंडिया विनीत कुलकर्णी की अंपायरिंग से संतुष्ट नहीं थी और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी रिपोर्ट में उनकी आलोचना की थी।
क्रिकइंफो के अनुसार, टीम इंडिया के मैनेजर विनोद फड़के ने कप्तान धोनी का समर्थन करते हुए कहा है कि कुलकर्णी द्वारा दिए गए निर्णयों में निश्चित रूप से खामियां रह गईं और अंतत: यह निर्णय मेहमान टीम के पक्ष में गए।
धोनी ने टी-20 सीरीज में खराब अंपायरिंग को टीम इंडिया की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया था। हालाकि बाद में आईसीसी ने ट्वीट कर विनोद फड़के पर अनुचित टिप्पणी करने का आरोप लगाया है।