उत्तर प्रदेशराज्य

अखिलेश का बड़ा फैसला, बागी विधायकों का निलंबन रद्द

images (14)एजेन्सी/समाजवादी पार्टी से निलंबित चल रहे सीतापुर के पांचों विधायकों का निलंबन जल्द वापस होगा। बुधवार को ये विधायक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले तो उन्होंने निलंबन वापसी का आश्वासन दिया।

उन्होंने विधायकों से विधान परिषद चुनाव में सपा प्रत्याशी को मजबूती से लड़ाने के लिए कहा। विधायकों ने उन्हें आश्वस्त किया कि इस चुनाव में पार्टी प्रत्याशी बड़े अंतर से जीतेंगे।

सीतापुर में सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सीमा गुप्ता को प्रत्याशी बनाया था। इसका पार्टी में विरोध था। बिसवां क्षेत्र के विधायक रामपाल यादव ने अपने बेटे जितेन्द्र यादव को बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतार दिया। इस पर सपा ने उन्हें पहले निलंबित और फिर निष्कासित कर दिया।

नतीजा आया तो पार्टी की अधिकृत उम्मीदवार को हराकर जितेन्द्र यादव जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए। सपा ने चार और विधायकों राधेश्याम जायसवाल, महेन्द्र सिंह उर्फ झीन बाबू, अनूप गुप्ता और मनीष रावत को 13 जनवरी को विधायक दल और पार्टी से निलंबित कर दिया था।

ब्लॉक प्रमुख चुनावों में भी इन विधायकों ने अपनी ताकत का अहसास कराया। सीतापुर जिले में उनके समर्थकों ने छह ब्लॉकों में सपा प्रत्याशियों को पटखनी देकर अपने प्रमुख जिताए।

रामपाल समेत पांचों विधायकों ने बुधवार को दोपहर बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके कालिदास मार्ग स्थित सरकारी निवास पर मुलाकात की।

उन्होंने निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार की अपील की। उन्होंने कहा, नेताजी (मुलायम सिंह) हमारे नेता हैं और सपा हमारी पार्टी है। हम समाजवादी थे, हैं और रहेंगे।

उन्होंने उन हालात की भी जानकारी दी जिसके चलते जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख के चुनाव हुए। सीएम ने उनकी बात सुनने के बाद निलंबन समाप्त करने का आश्वासन दिया।

उन्होंने विधायकों से कहा कि विधान परिषद चुनाव में सीतापुर सीट से आनंद सिंह भदौरिया को जिताएं। विधायकों ने कहा, पार्टी प्रत्याशी होने के नाते आनंद को पूरी मजबूती से चुनाव लड़ाएंगे। उन्होंने भदौरिया की बड़ी जीत का दावा किया।

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