अखिलेश की नाराजगी दूर करने में जुटी कांग्रेस, भाजपा की बड़ी चिंता
उत्तर प्रदेश में महागठबंधन और एनडीए के बीच रार बढ़ती जा रही है। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस के साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे। वहीं भाजपा की सहयोगी अपना दल ने भी मोदी-शाह की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सपा की नाराजगी का कारण है मध्यप्रदेश में उसके विधायक को मंत्रीपद न दिया जाना जबकि उसने बिना शर्त कांग्रेस को समर्थन दिया था।
इस मामले पर संसद भवन के बाहर कांग्रेस नेता राज बब्बर ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय नेता के वक्तव्य में उनकी नाराजगी नजर आ रही है। नाराजगी कभी बेगानो से नहीं होती है। कांग्रेस और सपा के नेतृत्व आपस में बात करके इन चीजों को सुलझा लेंगे। जनता चाह रही है कि हम सब लोग मिलकर चुनाव लड़ें।’
दूसरी तरफ एनडीए की सहयोगी पार्टी अपना दल की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पार्टी अध्यक्ष आशीष पटेल के बयान पर कहा, ‘भाजपा को हाल में मिले नुकसान से सबक लेना चाहिए। सपा-बसपा का गठबंधन हमारे लिए चुनौती है। मेरी पार्टी के अध्यक्ष ने पहले ही पार्टी का नजरिया बता दिया है और मैं उसके साथ खड़ी हूं।’
बता दें कि अखिलेश ने के सी राव से मुलाकात की बात कहकर तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद को और मजबूती दे दी है। अखिलेश पहले ही साफ कर चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करने के इच्छुक नहीं हैं। यहां सपा-बसपा मिलकर भाजपा का मुकाबला करेंगे। इससे संकेत मिलता है कि वह 2019 में गैर भाजपा-गैर कांग्रेस मोर्चा बनाने को लेकर गंभीर हैं और के सी राव इसी कोशिश में जुटे भी हुए हैं।