अखिलेश की मेहरबानी पर अपर्णा की सफाई- RTI टेररिज्म को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा
जीव आश्रय पर अखिलेश सरकार की मेहरबानी को लेकर घिरी मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव ने सफाई दी है. अपर्णा ने तल्खी दिखाते हुए कहा कि जो संस्था काम करती है, उसे 86 प्रतिशत नहीं बल्कि गौ कल्याण अनुदान की सौ प्रतिशत धनराशि मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह कोई अपराध नहीं है. जीव आश्रय इस मुद्दे पर काम करती रही हैं और इसीलिए संस्था को डोनेशन मिला था. बता दें कि अपर्णा जीव आश्रय के नाम से एक गो सेवा संस्था चलाती हैं.
अपर्णा ने कहा कि राज्य में 462 गौशालाएं हैं, लेकिन सबसे ज्यादा सक्रिय संस्था जीव आश्रय है. मुलायम की छोटी बहू ने कहा कि बेहतर काम करने के लिए जीव आश्रय की पूरी टीम बधाई की पात्र है. उन्होंने कहा कि मेरे और मेरे पति के लिए यह कोई निजी लाभ प्राप्त करने का मसला नहीं है.
RTI टेररिज्म को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा
अखिलेश के छोटे भाई की पत्नी ने कहा कि जो लोग इस विवाद को हवा दे रहे हैं, उन्हें सबसे पहले तथ्य पता करने चाहिए. आरटीआई टेररिज्म फैलाने वालों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. अपर्णा ने इस मामले में जांच की मांग करते हुए कहा कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए और इस मामले में मैं मानहानि का केस करूंगी.
राज्य में महिलाओं के प्रति बढ़ते एसिड हमले और अत्याचार पर अपर्णा ने कहा कि लड़कों को महिलाओं का सम्मान करना सिखाना होगा. एसिड पीड़िता पर उन्होंने कहा कि अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए या उनके बॉडी पार्ट्स पर भी एसिड फेंका जाना चाहिए ताकि उन्हें दर्द का पता लग सके.
IPS अमिताभ ठाकुर की पत्नी ने लगाई याचिका
गो सेवा आयोग पशु और कृषि विभाग के तहत काम करता है जो कि गौ शालाओं और गायों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्थाओं को सरकारी मदद मुहैया कराता है. आयोग की ओर से आरटीआई के जवाब में कहा गया कि जीव आश्रय संस्था को साल 2012-13 में 49.89 लाख, साल 2013-14 में 1.25 करोड़ और साल 2014-15 में 1.41 करोड़ रुपए आवंटित किए गए.
अखिलेश का कार्यकाल खत्म होने से पहले आवंटन
अपर्णा यादव की संस्था को सपा सरकार का कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले बड़ी रकम आवंटित की गई. सबसे ज्यादा साल 2015-16 में संस्था को 2.58 करोड़ और साल 2016-17 में 2.55 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया. साल 2016-17 में कुल 3.35 करोड़ की राशि में से 2.55 करोड़ रुपए का अनुदान अपर्णा की संस्था को दिया गया जबकि चार संस्थाओं को कुल मिलाकर 63 लाख रुपए का अनुदान दिया गया.