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अखिलेश के एक और मंत्री पर गिरी गाज, शिवपाल को भी झटका

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वन राज्यमंत्री तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय को राज्य विधान परिषद सदस्य आशु मलिक को पीटने के आरोप में समाजवादी पार्टी (सपा) से आज 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया। default

शिवपाल यादव के घर से नेमप्लेट हटी
सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने यह जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि पांडेय को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जा रहा है। मलिक सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी हैं। मलिक के अनुसार गत 24 अक्टूबर को उन्हें पांडेय ने मुख्यमंत्री आवास में मारा था। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में भी की है। मलिक के साथ मारपीट की वजह से मुलायम सिंह यादव पवन पांडेय से काफी नाराज थे। वहीं शिवपाल यादव के बंगले से किसी ने उनकी नेमप्लेट हटा दी है। उन्हें तीन दिन पहले अखिलेश ने कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था।

अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी-शिवपाल
सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि पवन पांडेय पर मुख्यमंत्री आवास में आशु मलिक को मारने का गंभीर आरोप है। पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें 6 वर्ष के लिए निष्कासित करने का निर्णय लिया है। यादव ने कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी पार्टी की नीतियों के खिलाफ काम करेगा उसके साथ यही कदम उठाया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विधान परिषद के तीन सदस्यों सुनील यादव, आनन्द भदौरिया और संजय लाठर समेत पार्टी से पहले ही निकाले जा चुके अन्य लोगों की वापसी होगी या नहीं। इस पर उन्होंने कहा कि इनके बारे में फैसला नेताजी (मुलायम सिंह यादव) लेंगे। विधान परिषद के इन तीन सदस्यों और उनके साथ निकाले गए अन्य युवकों को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नजदीकी माना जाता है। 

आशू मलिक से पांडे ने की थी हाथापाई 
पार्टी सूत्रों के अनुसार तेज नारायण पांडेय से मुख्यमंत्री खिन्न थे। खिन्नता की वजह से पांडेय ने शिवपाल यादव से नजदीकी बढा ली थी। लेकिन पार्टी में चल रहे घमासान को देखते हुए उन्होंने पाला बदलने की कोशिश की। इसी कोशिश में मुख्यमंत्री के नजदीक आने के लिए उन्होंने मलिक के साथ हाथापाई की। सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी और परिवार एक है। कहीं कोई विवाद नहीं है। मंत्रिमंडल में उनकी वापसी का निर्णय नेताजी लेंगे। नेताजी जो कहेंगे वही होगा।  गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा बुलाई गई बैठक समाप्त होने के ठीक पहले आशु मलिक के एक पत्र का जिक्र आया था। उसी के बाद ही चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच माइक की छीना झपटी को लेकर धक्का मुक्की हुई थी।

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