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अखिलेश यादव को पुलिस ने पकड़ा, दिया नेताजी का हवाला

सपा के फैमिली ड्रामा में पापा मुलायम से विवाद के बीच अखिलेश यादव के साथ खड़े हैं उनके चाचा रामगोपाल यादव।

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इलेक्शन में पार्टी सिंबल को लेकर हुई खींचतान के बीच प्रोफेसर रामगोपाल उनकी इलेक्शन कमिशन में पैरवी तक करने पहुंचे।  सीएम अखिलेश के उनके चाचा के करीब होने के 3 संभावित कारण। 

चाचा के बेटे संग पकड़े जा चुके हैं अखिलेश…

अखिलेश यादव बचपन से ही चाचा रामगोपाल के बेटे असित के बहुत करीब थे। फैमिली में बिल्लू के नाम से पॉपुलर रहे असित 1990 में 17 साल के अखिलेश के साथ पकड़े गए थे। तब दोनों मुलायम यादव के लिए संभल में चुनाव प्रचार कर रहे थे। वहां के ब्लॉक ऑफिसर ने अखिलेश और बिल्लू को पुलिस के हवाले कर दिया था। अखिलेश ने नेताजी का हवाला दिया, लेकिन ऑफिसर छोड़ने को तैयार नहीं हुआ।

वहीं स्वभाव से शरारती रहे बिल्लू ने एक यादव पुलिस वाले से सेटिंग कर ली। बिल्लू टीपू (अखिलेश) को साथ लेकर पुलिस को चकमा देकर मौके से भाग निकला। ब्लॉक ऑफिसर चिल्लाता रहा, लेकिन पुलिसवालों ने उनका पीछा नहीं किया। तब अखबारों की सुर्खियों में अखिलेश को पुलिस ने पकड़ा छाया रहा।

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के दौरान अखिलेश एक बार भी घर नहीं गए। वे सिडनी से लैंडलाइन के जरिए घर पर बात करते थे। सुनीता एरोन की किताब ‘बदलाव की लहर’ के मुताबिक अखिलेश अपने पिता से ज्यादा बिल्लू से फोन पर बातें करते थे। असित उर्फ बिल्लू की 1999 में मृत्यु हो गई थी। असित से दोस्ती अखिलेश और रामगोपाल के बीच नजदीकियों की वजह हो सकती है।

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