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अखिलेश यादव ने की घोषणा, नियमित होंगे शिक्षक
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गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में चल रही क्रोएशियाई दल के फुटबॉल सेमीनार में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे सीएम ने खेल विभाग के उच्चाधिकारियों से इस पर आवश्यक कार्यवाही करने का आदेश दिया।
उन्होंने स्पोर्ट्स कॉलेज प्रबंधन द्वारा लखनऊ से बैडमिंटन और तैराकी को सैफई में शिफ्ट किए जाने पर नाराजगी जताते हुए आश्वासन दिया कि ऐसा नहीं होगा। साथ ही साइकिल स्टंटिंग को खेल का दर्जा देने की घोषणा की।
कार्यक्रम के समापन के बाद गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज के तदर्थ प्रशिक्षकों ने मुख्यमंत्री के सामने अपने नियमितीकरण की मांग रखी। इससे पहले सीएम कुछ बोलते, खेल राज्य मंत्री रामकरन आर्य ने भी प्रशिक्षकों का पक्ष लिया।
सबकी बात सुनने के बाद सीएम ने खेल विभाग के उच्चाधिकारियों को बुलाया और प्रदेश में कार्यरत सभी तदर्थ प्रशिक्षकों को स्थायी करने के लिए आवश्यक कार्यवाही का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के तीनों स्पोर्ट्स कॉलेज में सुविधाओं के साथ खेलों को बढ़ावा देने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी जाएगी। इस संबंध में खेल विभाग के आलाधिकारी अगले बजट में कॉलेज के अलावा अन्य मदों में अधिक बजट की मांग कर सकते हैं, ताकि यूपी में खेलों का भविष्य और बेहतर हो।
इस वक्त खेल विभाग ने प्रदेश भर में तकरीबन 425 तदर्थ खेल प्रशिक्षक हैं, जिसमें 300 के करीब एनईएस डिप्लोमा धारक हैं। तीनों स्पोर्ट्स कॉलेज (लखनऊ, गोखरपुर और सैफई) में एक स्थायी व 19 अस्थायी प्रशिक्षक हैं।
जहां तक खेल विभाग की स्थायी नियुक्तियों का सवाल है तो विभाग में 23 सहायक प्रशिक्षक के पद सृजित हैं। इसमें पांच भरे और 18 खाली पद हैं। उप क्रीड़ाधिकारियों की बात की जाए तो खेल विभाग में सृजित 100 पदों में 83 भरे हुए हैं, जबकि 58 क्रीड़ाधिकारियों के पद पर 35 भरे हुए हैं।