अगर आपको इनकम टैक्स बचाना है और रिटायरमेंट के लिए भी सेविंग “NPS” बहुत अच्छा विकल्प
NPS Tax Benefit: अगर आपको इनकम टैक्स बचाना है और रिटायरमेंट के लिए भी सेविंग करनी है तो एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) बहुत अच्छा विकल्प है। जानिए इसके फायदे और निवेश का तरीका।
टैक्स सीज़न अब शुरू होने ही वाला है और हर साल की तरह, इस समय अधिकांश टैक्स पेयर्स, टैक्स एफिशिएंट इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस की तलाश में लगे हैं। पिछले कुछ समय से एक टैक्स सेविंग रिटायरमेंट स्कीम को काफी लोकप्रियता मिल रही है जिसका नाम है नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)। सरकार ने हाल ही में इस स्कीम को पूरी तरह से टैक्स फ्री बना दिया है और इसमें अपने योगदान को 10% से बढ़ाकर 14% कर दिया है। इस स्कीम को 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था और 2009 में इसे सभी भारतीय नागरिकों के लिए खोल दिया गया और इसके बारे में एक बात मशहूर है कि शुरू से ही इसका कॉस्ट बहुत कम है। और यह आपको सेक्शन 80 (C) की प्रेसक्राइब्ड लिमिट से बढ़कर टैक्स बेनिफिट दे सकता है। लेकिन, हाल ही में हुए अनाउंसमेंट के कारण यह स्कीम और ज्यादा आकर्षक हो गई है। आइए इस इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।
एनपीएस एक लॉन्ग टर्म टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट है जिसकी मैच्योरिटी उस समय होती है जब आप 60 साल के हो जाते हैं। मैच्योरिटी से पहले, एनपीएस फंड में से 20 प्रतिशत से ज्यादा पैसे निकालने की इजाजत नहीं है। एक फाइनेंशियल इयर में एनपीएस में 50,000 रुपए तक के इन्वेस्टमेंट पर सेक्शन 80 (CCD) के तहत डिडक्शन का बेनिफिट मिलता है, जो सेक्शन 80 (C) के तहत मिलने वाले 1.5 लाख रुपए के डिडक्शन से बढ़कर है। इसलिए, एनपीएस में सेक्शन 80(C) और 80(CCD) दोनों के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है, जिससे आपको कुल मिलाकर 2 लाख रुपए तक का टैक्स डिडक्शन बेनिफिट मिल सकता है। एनपीएस आपके पैसे को डेट और इक्विटी में इन्वेस्ट करता है और आप अपने रिस्क एपेटाईट के हिसाब से अपने इक्विटी/डेट एक्सपोजर के अनुपात का चुनाव कर सकते हैं। एनपीएस आपको अवेलेबल ऑप्शंस में से फंड मैनेजर का चुनाव करने की सुविधा भी देता है।
जैसा कि पहले बताया जा चुका है, भारत सरकार ने हाल ही में एनपीएस के टैक्स सेविंग बेनिफिट को बढ़ा दिया है। पहले, सिर्फ 40 प्रतिशत फंड अमाउंट पर टैक्स नहीं लगता था। उसके बाद 40% फंड अमाउंट, एन्युटी खरीदने के लिए छोड़ना पड़ता था और बाकी 20% अमाउंट को या तो एन्युटी में इन्वेस्ट करना पड़ता था या लागू टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स डिडक्शन के आधार पर उसे निकालने की इजाजत दी जाती थी। अब, सरकार ने निकाले जाने वाले 60% फंड अमाउंट को टैक्स फ्री करके एनपीएस फंड पर लगने वाले टैक्स के प्रभाव को कम कर दिया है। अब से सिर्फ एन्युटी इनकम पर लागू स्लैब दर के हिसाब से टैक्स लगेगा। 80 (CCD) के तहत एडिशनल टैक्स बेनिफिट देता है। यह मिलेनियल्स के लिए अपने रिटायरमेंट के लिए एक बड़ी रकम तैयार करने के लिए इन्वेस्टमेंट करने का एक अच्छा ऑप्शन है। एनपीएस आपको अपने रिस्क एपेटाईट के हिसाब से डेट और इक्विटी में इन्वेस्ट होने वाले अमाउंट को तय करने की सुविधा भी देता है। सरकार द्वारा अनाउंस किए गए टैक्स संबंधी राहत के कारण, उम्मीद है कि टैक्स पेयर्स अब एनपीएस को ईएलएसएस और यूलिप (यूएलआईपी) जैसे अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स से ज्यादा प्रेफरेंस देंगे।