अगर आप अभी भी जिंदा हैं तो पहले जान लीजिए की मरने के बाद क्या होगा आपकी आत्मा का…
जब हम मरने लगते हैं तो हमारे शरीर के साथ क्या होता है? हमारी आत्मा कहां जाती है? स्वर्ग जाएंगे या नर्क जाएंगे? इन सब सवालों के जवाब अक्सर लोग खोजते रहते हैं लेकिन उन्हें इनके जवाब नहीं मिल पाते हैं. हालांकि आज हम आपको इन्हीं सवालों का जबाव देने जा रहे हैं कि आखिर मौत के बाद क्या होता है. तो दिल थाम के बैठिए अपना…
दरअसल, ज्यादातर धार्मिक लोग मानते हैं कि आत्मा कभी नष्ट नहीं होती है. आत्मा सिर्फ शरीर छोड़ती है और वो शरीर मृत हो जाता है. इंसान का स्वभाव है कि वह मौत से डरता है, यहां तक कि वह मौत पर बात करने से भी डरता है और मौत के बाद होने वाले घटनाक्रमों से भी. जबकि सब को पता है कि मौत निश्चित है. सबको एक न एक दिन इस दुनिया से जाना ही है. मानव इतिहास में अमर कोई भी नहीं हो सका है.
एक थ्योरी यह भी कहती है कि मौत के बाद मृत शरीर से आत्मा निकलती है. कोमा स्टेज में पहुंचे कई लोग ऐसे अनुभव के बारे में बताते हैं. एक्सीडेंट के बाद मौत के मुंह से लौटकर आए कुछ लोगों का अनुभव है कि उन्होंने उस समय में अपने शरीर को देखा. इससे भी यही लगता है कि आत्मा और शरीर दो अलग-अलग चीजें है. एक जो क्षय हो जाती है और दूसरी कभी ना खत्म और नष्ट होने वाली आत्मा.
मौत का करीब से साक्षात्कार करने वाले कई अनुभव भी देखें गए हैं. एक अध्ययन के मुताबिक, 10 में से एक कार्डियक अरेस्ट सर्वावइवर हार्ट फेल होने के दौरान कुछ अजीबोगरीब अनुभव किए हैं. इन अनुभवों में लोगों को लगता है उन्होंने अपना शरीर छोड़ दिया है और अब वो किसी दूसरी दुनिया में जा रहे हैं, जहां सब कुछ धुंधला-धुंधला है.
वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे अनुभव तब होते हैं जब क्वांटम पदार्थ नर्वस सिस्टम को छोड़ चुके होते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के डॉक्टर स्टुअर्ट हैमरऑफ का दावा है कि हमारी आत्मा का सार मष्तिष्क की कोशिकाओं में माइक्रोट्यूबुलस में होता है. जब दिन काम करना बंद कर देता है तो ये यूनिवर्स में वितरित होना शुरू हो जाती है और अगर इंसान जिंदा बच जाए तो फिर से लौटने लगता है. कुछ लोगों का कहना है कि मौत के ये अनुभव एक मनोवैज्ञानिक प्रत्यय हैं. दिमाग में होने वाले रासायनिक परिवर्तनों की वजह से ऐसे अनुभव होते हैं.
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