जीवनशैली

अगर इन बातों का रखें ध्यान तो बढ़ती उम्र में भी आसानी से कर सकेंगी गर्भधारण

बढ़ती उम्र में गर्भधारण करने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, साथ ही गर्भपातहोने संभावना भी ज्यादा होती है। इस स्थिति से बचा जा सकता है, अगर कुछ बातों का ख्याल रखा जाए। बढ़ती उम्र में गर्भपात होने के कारण और बचाव के बारे में गायनेकोलॉजिस्ट, डॉ. निशा कपूर पूरी जानकारी दे रही हैं।

आजकल ज्यादातर महिलाएं करियर सैटल होने के बाद शादी को इंपॉर्टेंस देती हैं। शादी के बाद जब वह कंसीव करने की सोचती हैं तो एज फैक्टर की वजह से प्रॉब्लम होती है।

दरअसल, बढ़ती उम्र का असर गर्भधारण की क्षमता पर पड़ता है। 30 की उम्र पार करते ही गर्भधारण की दर धीरे-धीरे कम होने लगती है। 35-40 वर्ष की आयु में इसमें तेजी से कमी आती है।

40 की उम्र पार करते ही प्रजनन क्षमता और तेजी से कम होने लगती है। हालांकि, 80 प्रतिशत महिलाएं 40-43 साल की उम्र में भी गर्भवती हो सकती हैं। लेकिन कई बार बढ़ती उम्र की वजह से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।

गर्भपात के कारण 

उम्र बढ़ने के साथ प्रजनन क्षमता कम होने का सबसे प्रमुख कारण कम गुणवत्ता वाले और अनियमित आकार के ओवम हैं। जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती जाती है क्रोमोसोम में खराबी आने से असामान्य ओवम की संख्या अत्यधिक बढ़ जाती है।

इसके परिणाम स्वरूप गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है, इसके साथ ही गर्भपात होने का खतरा भी बढ़ जाता है। क्रोमोसोम में असामान्यता क्यों आ जाती है, इसके स्पष्ट कारण पता नहीं हैं।

हालांकि अनुसंधानों ने इससे संबंधित कुछ मुद्दों को स्पष्ट किया है। उम्र बढ़ने के कारण ओवम की गुणवत्ता प्रभावित होती है लेकिन कुछ अपवाद भी होते हैं। कुछ महिलाओं के ओवम की गुणवत्ता 20 से 30 साल की उम्र में ही खराब हो जाती है तो कुछ महिलाओं की 43 साल की उम्र तक भी बरकरार रहती है। 

पुरुष की एज का इफेक्ट  

हालांकि उम्र बढ़ने के साथ पुरुष शुक्राणुओं की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है, लेकिन आमतौर पर एक हेल्दी ओवम से निषेचन (फर्टिलाइजेशन)के बाद यह भ्रूण की गुणवत्ता को अधिक प्रभावित नहीं करती है।

अगर महिला की उम्र 20-30 वर्ष के बीच होती है तो गर्भपात का खतरा अधिक नहीं होता है। जब महिला की उम्र 30-34 वर्ष के बीच हो और पुरुष की आयु 40 वर्ष या उससे अधिक हो, तो गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।

35 पार की महिलाओं में गर्भपात का खतरा और अधिक होता है। अगर महिला की उम्र 40 वर्ष से अधिक और पुरुष की उम्र 50 वर्ष से अधिक हो तो इनमें युवा दंपति की तुलना में गर्भपात का खतरा तीन से चार गुना ज्यादा बढ़ जाता है।

रखें ध्यान 

  • बढ़ती उम्र में गर्भपात से पूरी तरह बचाव नहीं किया जा सकता।
  • लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर इसकी आशंका को कम जरूर किया जा सकता है।
  • ऐसे भोजन का सेवन करें, जिसमें साबुत अनाज अधिक मात्रा में शामिल हो।
  • कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें और प्रोटीन, फाइबर्स का सेवन अधिक करें।
  • अपने भोजन में ताजे फल, सब्जियों को अधिक मात्रा में शामिल करें। रेड मीट और तले हुए भोजन के सेवन से बचें।
  • कॉफी का सेवन कम करें। ज्यादा मात्रा में कैफीन के सेवन से गर्भपात हो सकता है। इसके बजाय ग्रीन टी या हर्बल टी लें।
  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। रोजाना 30 मिनट तक वर्कआउट जरूर करें।
  • अधिक या कम वजन होने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए अपना औसत वजन बनाए रखें।
  • तनाव मुक्त रहने की कोशिश करें।

गर्भवती महिला की उम्र और गर्भपात की दर 

  • 30 वर्ष से अधिक की उम्र में- 8 प्रतिशत 
  • 30-34 वर्ष की उम्र में-  12 प्रतिशत 
  • 35-37 वर्ष की उम्र में-  16 प्रतिशत 
  • 38-39 वर्ष की उम्र में- 22 प्रतिशत 
  • 40-41 वर्ष की उम्र में- 33 प्रतिशत
  • 42-43 वर्ष की उम्र में- 45 प्रतिशत 
  • 44-46 वर्ष की उम्र में- 60 प्रतिशत

Related Articles

Back to top button