अगल आप पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती तो देखिए क्या हो सकता है आपके साथ ?
यदि आपको यह पता चले की आप पर शनि की साढ़े साती चल रही है तो आप यह सुनकर ही मानसिक दबाव में आ जाओंगे । शनि की दशा को लेकर आने वाले समय में होने वाली घटनाओं को लेकर तरह-तरह के विचार आपके मन में आने लगते है ।
शनि की साढेसाती को लेकर जिस प्रकार कई ज्योतिष शास्त्री भी विभिन्न प्रकार के मत प्रकट करते है। इस लेकर भ्रम भी देखे जाते है। लेकिन वास्तव में साढेसाती का रुप वैसा बिल्कुल नहीं है जैसा की आपके मन में अक्सर चलते रहते है ।
शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण
शनि की साढ़ेसाती शनि साढेसाती में तीन राशियों पर गोचर करते है। तीन राशियों पर शनि के गोचर को साढेसाती के तीन चरण के नाम से भी जाना जाता है। अलग- अलग राशियों के लिये शनि के ये तीन चरण अलग – अलग फल देते है।
साढेसाती का प्रथम चरण- वृ्षभ, सिंह, धनु राशियों के लिये कष्टकारी होता है। द्वितीय चरण या मध्य चरण- मेष, कर्क, सिंह, वृ्श्चिक, मकर राशियों के लिये अनुकुल नहीं माना जाता है और अन्तिम चरण- मिथुन, कर्क, तुला, वृ्श्चिक, मीन राशि के लिये भी शनि कष्टकारी माना जाता है। इसके अलावा तीनों चरणों के लिये शनि की साढेसाती ओर रुपों में भी प्रभाव डाल सकती है।
शनि का साढ़ेसाती का पहला चरण
इस चरणावधि में व्यक्ति की आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है। आय की तुलना में व्यय अधिक होते है। विचारें गये कार्य बिना बाधाओं के पूरे नहीं होते है। धन विषयों के कारण अनेक योजनाएं आरम्भ नहीं हो पाती है। अचानक से धन हानि होती है। व्यक्ति को निद्रा में कमी का रोग हो सकता है। स्वास्थय में कमी के योग भी बनते है। विदेश भ्रमण के कार्यक्रम बनकर -बिगडते रह्ते है। यह अवधि व्यक्ति की दादी के लिये विशेष कष्टकारी सिद्ध होती है। मानसिक चिन्ताओं में वृ्द्धि होना सामान्य बात हो जाती है। दांम्पय जीवन में बहुत से कठिनाई आती है। मेहनत के अनुसार लाभ नहीं मिल पाते है।
शनि का साढ़ेसाती का द्वितीय चरण
व्यक्ति को शनि साढेसाती की इस अवधि में पारिवारिक तथा व्यवसायिक जीवन में अनेक उतार-चढाव आते है। उसे संबन्धियों से भी कष्ट होते है। व्यक्ति को अपने संबन्धियों से कष्ट प्राप्त होते है। उसे लम्बी यात्राओं पर जाना पड सकता है। घर -परिवार से दूर रहना पड सकता है। व्यक्ति के रोगों में वृ्द्धि हो सकती है। संपति से संम्बन्धित मामले परेशान कर सकते है।
मित्रों का सहयोग समय पर नहीं मिल पाता है। कार्यो के बार-बार बाधित होने के कारण व्यक्ति के मन में निराशा के भाव आते है. कार्यो को पूर्ण करने के लिये सामान्य से अधिक प्रयास करने पडते है। आर्थिक परेशानियां भी बनी रह सकती है।
शनि का साढ़ेसाती का तीसरा चरण
शनि साढेसाती के तीसरे चरण में व्यक्ति के भौतिक सुखों में कमी होती है। उसके अधिकारों में कमी होती है। आय की तुलना में व्यय अधिक होते है। स्वास्थय संबन्धी परेशानियां आती है। परिवार में शुभ कार्यो बाधित होकर पूरे होते है। वाद-विवाद के योग बनते है। संतान से विचारों में मतभेद उत्पन्न होते है। संक्षेप में यह अवधि व्यक्ति के लिये कल्याण कारी नहीं रह्ती है। जिस व्यक्ति की जन्म राशि पर शनि की साढेसाती का तीसरा चरण चल रहा हों, उस व्यक्ति को वाद-विवादों से बचके रहना चाहिए।