अजब-गजब
अजीब फतवे: कपड़े बिना खोले सेक्स से लेकर केले और खीरे तक पर जताया जा चुका है एतराज

देश दुनिया में लगाए जाने वाले तमाम फतवे चर्चा का विषय बन जाते हैं। कई बार यह फतवे बने बनाए दायरे को तोड़ते हुए अजीबो-गरीब श्रेणी में दाखिल हो जाते हैं। ऐसे ही कुछ फतवों के बारे में आज बताने जा रहे हैं। जिन्हें जानने के बाद आप हैरान भी हो सकते हैं।

फुटबॉल पर फतवा
सउदी के एक मुस्लिम धर्म गुरु ने साल 2005 में महिलाओं के फुटबॉल देखने पर एतराज जताते हुए फतवा जारी कर दिया। धर्म गुरु के मुताबिक महिलाएं सिर्फ पुरुषों की जांघों पर ध्यान देती हैं, उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन मैच जीत रहा है और कौन मैच हार रहा है।
बिना कपड़ों के शारीरिक बनाने पर शादी अमान्य
मिस्त्र की अज अजहर यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने साल 2006 में अजीब तरह का फतवा जारी कर दिया। फतवे के मुताबिक यदि शारीरिक संबंध बनाते वक्त सारे कपड़े उतार दिए तो शादी अमान्य मानी जाएगी। इस पर बहस भी शुरू हो गई तो इसका जमकर मजाक भी उड़ाया जाना शुरू हो गया।
महिलाएं अपने पुरुष साथियों को कराए ब्रेस्ट फीडिंग
मिस्त्र की अल अजहर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अजात अतिया ने साल 2007 में एक ऐसा फतवा जारी किया जिसे सुनकर हर शख्स चौंक गया। डॉ अतिया ने फतवा जारी करते हुए कहा कि दफ्तर में काम करने वाली महिलाओं को अपने पुरुष सहकर्मियों को कम से कम पांच बार ब्रेस्टफीडिंग करानी चाहिए। इसके पीछे उनका तर्क था कि ऐसा करने से साथियों के बीच में एक तरह का पारिवारिक संबंध स्थापित होता है। यदि महिलाएं ऐसा करती हैं तो उन्हें दफ्तर में पुरुषों के साथ अकेले काम करने की अनुमति दी जाएगी।
केला और खीरा बैन
साल 2011 में यूरोप के एक मुस्लिम धर्म गुरु अपने फतवे की वजह से पूरी दुनिया में मजाक का कारण बन गए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को यौन दुर्विचारों से दूर रहने के लिए खीरे और केले से दूर रहना चाहिए।
कुर्सी पर फतवा

साल 2014 में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने महिलाओं के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। फतवे के मुताबिक महिलाओं को कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए, इससे उन्हें यौन उत्तेजना हो सकती है।
सऊदी अरब के मुफ्ती अब्दुल अजीज बिन अब्दुल्ला अल-शेख ने साल 2016 में मुस्लिम अभिभावकों को आगाह करते हुए पोकेमॉन के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। शेख के मुताबिक धर्म की रक्षा के लिए जरूरी है कि अभिभावक अपने बच्चों को पोकेमॉन टीवी कार्यक्रम, गेम और कार्ड से दूर रखें।
सउदी अरब के ही एक शेख ने शतरंज के खिलाफ ही फतवा जारी कर दिया। फतवे के मुताहिक शतरंज खेलना इस्लाम धर्म के खिलाफ है।