अज्ञात बीमारी की चपेट में ये गांव, लोग करा रहे झाड़फूंक
गुमला. झारखंड के गुमला से 10 किमी दूर धनगांव में अजीब बीमारी फैल गयी है। 100 से अधिक लोग बीमार पड़ गये। एक महिला ननकी उरांईन (65 वर्ष) की मौत हो गयी। मददू उरांव के नेतृत्व में दस से अधिक ओझा-गुणी झाड़-फूंक कर रहे हैं। इन लोगों का दावा है कि उन्होंने 55 लोगों को झाड़-फूंक से ठीक कर दिया है। ओझा मददू उरांव के अनुसार, सभी लोगों को सांप ने डंसा है। सांप के जहर का असर कम करने के लिए झाड़-फूंक किया जा रहा है। ओझा के अनुसार पैर में जहां सांप ने डंसा है, वहां दोरहा सांप के तेल की मालिश की जा रही है, जिससे विष निकल जाता है। ओझा-गुणी व ग्रामीणों ने डॉक्टरों का किया विरोध गांव में अज्ञात बीमारी के प्रकोप की सूचना मिलने पर शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉक्टर जेपी सांगा व आरसीएच पदाधिकारी डॉ.
कृष्णा उरांव के नेतृत्व में स्वास्थ्य टीम गांव गयी थी। ओझा-गुणी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने डॉक्टरों को विरोध किया। ग्रामीणों ने डॉक्टरों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप लोगों के इलाज से बीमारी ठीक नहीं हुई और किसी की मौत हुई तो इसके दोषी आप लोग होंगे। लोगों का गुस्सा देख टीम वापस आ गयी।
सिविल सर्जन डॉक्टर जेपी सांगा ने कहा कि लोग भ्रमित हो गये हैं। कोई अज्ञात बीमारी नहीं है। सिर्फ वहम है। तीन दिन पहले ननकी देवी की मौत करैत सांप के डंसने से हुई।
अन्य सभी लोग ठीक हैं। गांव में बीमारी फैलने की सूचना सिविल सर्जन को दिया था। डॉक्टरों ने सैंपल लिया है। परंतु लोग कहते हैं सांप ने डंसा है।
खून के सैंपल की जांच से ही कुछ पता चलेगा। सुबोध लाल, जिप सदस्य कांसा की थाली पीठ में चिपक जाती है दस सदस्यीय ओझा टीम दो दिनों से लोगों का झाड़-फूंक कर रही है। गुरुवार सुबह नौ बजे से रातभर झाड़-फूंक होता रहा। शुक्रवार को भी देर रात झाड़-फूंक हुआ।
ओझा ने बताया कि जिसके शरीर में सांप का जहर है, उसकी पीठ में अरवा चावल छिड़क कर मंत्र पढ़ कर कांसा थाली को रखने से चिपक जाती है। जैसे ही जहर का असर कम होता है। थाली अपने आप पीठ से जमीन पर गिर जाती है। इस विधि से दो दिन में 55 लोगों का ठीक किया गया है।