अटल की सरजमीं पर आज गूंजेगी पीएम मोदी की आवाज
मोदी इससे पहले 2 मार्च, 2014 को लखनऊ आए थे, मगर तब चुनावी दौर था। तब उन्होंने कहा था, ‘लखनऊ आता रहा हूं। अटल विहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बहुत कुछ सीखने को मिला। आप लोग बहुत भाग्यशाली हैं। अटल को आपने अपना बना लिया।’
अब वे पीएम के रूप में अटल की सरजमीं पर आएंगे। तब लखनऊ में बतौर पीएम अटल की आवाज गूंजती थी, अब शुक्रवार को मोदी की वाणी गूंजेगी।
आखिरी बार बतौर पीएम आए थे मनमोहन
लखनऊ में किसी प्रधानमंत्री के आने की बात करें तो डॉ. मनमोहन सिंह एक सितंबर 2005 को यहां आए थे। बीमा गोल्ड पॉलिसी का उद्घाटन कर लखनऊ से सीधे दिल्ली लौट गए थे।
इससे पहले वर्ष 2004 में बतौर प्रधानमंत्री अटल का काफिला इस इलाके से गुजरा था। तब वे लोकसभा चुनाव का पर्चा भरने जा रहे थे। हालांकि बाद में उनका काफिला इस इलाके से तीन-चार बार गुजरा, लेकिन तब वे पीएम नहीं थे। तब से किसी पीएम का काफिला हजरतगंज से नहीं गुजरा।
तब पीएम उम्मीदवार थे, अब पीएम
नरेंद्र मोदी 2 मार्च 2014 को भी लखनऊ आए थे। पर, तब वे लखनऊ से बाहर रमाबाई रैली स्थल पर पार्टी की विजय शंखनाद रैली संबोधित करने के बाद ही वापस लौट गए थे। वे तब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। अब वे पीएम के रूप में शहर आ रहे हैं।
नारा दिया था, ‘पहले मतदान-फिर जलपान।’ फिर बोले- ‘बूढ़ा हो रहा हूं। बहुत ज्यादा दौड़भाग नहीं कर पाऊंगा। शायद अब इस चुनाव में प्रचार करने भी न आ पाऊं। पर, पार्टी की डोर अपने लखनऊ वालों पर छोड़कर जा रहा हूं। लखनऊ में भाजपा हार गई तो समझो मैं हार गया। … मेरे लखनऊ वालों, अब लखनऊ तुम्हारे हवाले।’