उत्तर प्रदेशपर्यटन
अतुलनीय भारत का दिल देखना है तो उत्तर प्रदेश के इन शहरों में आइये
अलग-अलग रंगों का कैनवस है उत्तर प्रदेश
‘ताज शहर’ आगरा, ‘नवाबों का शहर’ लखनऊ, ‘घाटों का शहर’ वाराणसी और ‘संगम नगरी’ इलाहाबाद… इन शहरों में उत्तर प्रदेश की संस्कृति, स्थापत्य कला, खान-पान की शैली, अद्भुत संगीत और परंपराओं का मिश्रण देखने को मिलता है। असल में, उत्तर प्रदेश अलग-अलग रंगों का एक कैनवस है, जो अपने भीतर अनेक रंगों को संजोए हुए है। हर साल 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं उन शहरों के बारे में जहां मौजूद हैं देश ही नहीं दुनियाभर में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल…
मुस्कुराइए की आप लखनऊ में हैं
‘नवाबों का शहर’ नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्राचीन और आधुनिक संस्कृतियों का अनोखा संगम देखने को मिलता है। लखनऊ, चिकनकारी की कढ़ाई से लेकर खान-पान के लिए हमेशा से ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। यहां मस्जिदों, इमामबाड़ों और अन्य मंदिरों के लिए होने वाली हेरिटेज वॉक के अलावा आकर्षक चिकनकारी आपको ज्यादा से ज्यादा खरीददारी करने के लिए मजबूर कर देगी। मुगलई व्यंजनों के अलावा यहां का स्ट्रीट फूड भी लोगों को काफी पसंद आता है।
भारत की शान है ताजमहल
यमुना किनारे बसी ताज नगरी आगरा में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं। वैसे भी आगरा जाएं और ताजमहल न देखें तो वहां जाने का मतलब ही नहीं बनता। शायद, ताजमहल की लोकप्रियता देखकर ही सांस्कृतिक महोत्सव को ताज महोत्सव का नाम दिया गया है। ताज महोत्सव में कारीगरों को प्रोत्साहित किया जाता है। हालांकि ताज महल के अलावा भी काफी कुछ है आगरा में देखने के लिए जिसमें आगरा का किला, फतेहपुर सीकरी, जामा मस्जिद और खास महल जैसी जगहें शामिल हैं।
मोक्ष का शहर वाराणसी
उत्तर भारत के लिए प्राचीन काल से संस्कृति का आधार रहा वाराणसी दुनियाभर में बनारस और काशी के नाम से मशहूर है। गंगा के तट पर स्थित बनारस में पवित्रता है, जो देश के कम ही जगहों पर मिल सकती है। यह माना जाता है कि वाराणसी में मृत्यु मोक्ष की ओर ले जाती है। शहर की खासियत है गंगा नदी के तट पर बने घाट और तटबंध… इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर, सारनाथ और रामनगर का किला भी देखने लायक जगहें हैं।
संगम नगरी इलाहाबाद
गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के अद्भुत मेल की वजह से ही इलाहाबाद को संगम नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां हर 12 साल में एक बार कुंभ मेले का आयोजन होता है और इसमें शहर के साथ जुड़ी मजबूत धार्मिक मान्यताओं की झलक दिखायी पड़ती है। मौर्य सम्राट अशोक का अशोक स्तंभ, अक्षय वट के अलावा इलाहाबाद फोर्ट, आनंद भवन और खुसरो बाग भी आकर्षण के केंद्र हैं।
मथुरा-वृंदावन
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली होने की वजह से इस शहर को बेहद पवित्र माना जाता है। कृष्ण जन्मभूमि के मुख्य मंदिर के अलावा इस प्राचीन शहर में सैंकड़ों मंदिर हैं जो कई सौ साल पुराने हैं। द्वारकाधीश मंदिर, राधा कुंड, कंस का किला, गोवर्धन पहाड़ और मथुरा म्यूजियम देखने लायक जगहें हैं। तो वहीं वृंदावन में इस्कॉन मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, केसी घाट और यमुना नदी के दर्शन किए बिना आपकी यात्रा अधूरी रह जाएगी।
अयोध्या और फैजाबाद
भगवान श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या है, जो सरयू नदी के किनारे बसी है। प्राचीन शास्त्रों की मानें तो अयोध्या हिंदुओं के लिए सात सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है। फैजाबाद का प्रसिद्ध काकोरी कांड के अशफाक उल्ला खान और सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ गहरा संबंध है। अयोध्या जाएं तो मोती महल, कनक भवन, हनुमान गढ़ी, रामकोट, त्रेता के ठाकुर और गुलाब बाड़ी जैसी जगहों पर जाना न भूलें।
बौद्ध धर्मस्थल सारनाथ
यह शहर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे प्रसिद्ध बौद्ध धर्मस्थलों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ शहर में ही दिया था। सारनाथ, वाराणसी का पड़ोसी शहर है। यहां सम्राट अशोक ने कई बौद्ध स्तूप और मठों की स्थापना की जिसकी वजह से यह शहर बौद्ध धर्मावलंबियों के बीच काफी फेमस है। चौखंडी स्तूप, धमक स्तूप, सारनाथ म्यूजियम, धर्मराजिका स्तूप, बोधी वृक्ष और थाई टेंपल, देखने लायक जगहें हैं।