नई दिल्ली: सोमवार सुबह अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में 20 फीसदी तक की जबरदस्त गिरावट आ गई। वजह यह है कि इन कंपनियों में निवेश करने वाले तीन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के एकाउंट एनएसडीएल ने फ्रीज कर दिए हैं। ये एफपीआई हैं अलबुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड। अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी ट्रांसमिशन और अदाणी टोटल गैस में इनकी हिस्सेदारी की वैल्यू करीब 43,500 करोड़ रुपए है। एकाउंट फ्रीज करने का मतलब है कि ये फंड न तो नए शेयर खरीद सकते हैं, न अपने पास पड़े शेयर बेच सकते हैं।
अंग्रेजी दैनिक इकोनॉमिक टाइम्स ने सोमवार के अंक में एकाउंट फ्रीज करने की खबर प्रकाशित की है। इस खबर के अनुसार तीनों एफपीआई मॉरीशस में रजिस्टर्ड हैं। इनके एकाउंट 31 मई या उससे पहले फ्रीज किए गए थे। आरोप है कि मनीलॉन्ड्रिंग कानून के तहत कुछ जरूरी सूचनाएं छिपाई गईं। यह नहीं बताया गया कि वास्तविक मालिकाना हक किसका है। खबर के मुताबिक कस्टोडियन ऐसे मामलों में पहले एफपीआई को चेतावनी देते हैं, लेकिन अगर वे उसके बाद भी उचित कदम न उठाएं तो एकाउंट फ्रीज कर दिया जाता है।
खबर के अनुसार तीनों एफपीआई मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई के एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं। इनकी कोई वेबसाइट भी नहीं है। इन तीनों की होल्डिंग अदाणी एंटरप्राइजेज में 6.82%, अदाणी ग्रीन एनर्जी में 3.58%, अदाणी ट्रांसमिशन में 8.03% और अदाणी टोटल गैस में 5.92% है। इस होल्डिंग की मौजूदा वैल्यू (शेयर गिरने से पहले) 43,500 करोड़ रुपये है।
सोमवार सुबह अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 20 फीसदी तक गिर गए थे। हालांकि उसके बाद इसमें कुछ सुधार आया। करीब 11 बजे शेयर 14 फीसदी नीचे थे। अदाणी ग्रीन, अदाणी ट्रांसमिशन और अदाणी गैस 5 फीसदी लुढ़क गए, जो उनका लोअर सर्किट है। यानी एक दिन में ये शेयर इससे अधिक नीचे नहीं जा सकते। अदाणी ग्रुप के शेयर एक साल में करीब 1,000 फीसदी तक चढ़े हैं। खबरों के मुताबिक सेबी यह जांच कर रहा है कि इसके पीछे कोई खेल तो नहीं।
एक साल में अदामी ट्रांसमिशन के शेयर 669 फीसदी, अदाणी टोटल गैस के शेयर 349 फीसदी, अदाणी एंटरप्राइजेज के 972 फीसदी और अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर 254 फीसदी बढ़े हैं। ग्रुप की बाकी दो लिस्टेड कंपनियां अदाणी पोर्ट्स और अदाणी पावर हैं। इनके शेयर भी क्रमशः 147 फीसदी और 295 फीसदी बढ़े हैं। शुक्रवार को बंद भाव के अनुसार अदाणी ग्रुप का कुल मार्केट कैप 9.5 फीसदी था और ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
सेबी ने पीएमएलए कानून के तहत एफपीआई के लिए 2019 में केवाइसी नियमों में बदलाव किए थे। उन्हें इनका पालन करने के लिए 2020 तक का वक्त दिया गया था। जो अतिरिक्त सूचनाएं मांगी गई थीं उनमें साझा ओनरशिप की विस्तृत जानकारी और अहम पदों पर बैठे कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारियां शामिल हैं।