अध्यादेश के जरिये नाबालिग से बलात्कार और दलित मुद्दे पर कानून बदलेगी सरकार?
नई दिल्ली । मोदी सरकार पॉक्सो ऐक्ट में बदलाव कर सरकार नाबालिग से रेप के दोषी को फांसी की सजा का फैसला ले सकती है। साथ ही दूसरे एससी/एसटी कानून को दोबारा पुराने स्वरूप में ला सकती है। इन दोनों क़दमों के लिए अध्यादेश लेन की तैयारी है।
दोनों ऐक्ट में बदलाव की मांग दलित आंदोलन और हाल में उन्नाव और कठुआ में हुए रेप के बाद उठी है। सूत्रों के अनुसार, शनिवार को पीएम नरेन्द्र मोदी विदेश दौरे से लौटने के तुरंत बाद कैबिनेट मीटिंग में भाग लेंगे, जिसमें ऑर्डिनेंस के मुद्दे पर फैसला लिया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार दोनों ऑर्डिनेंस के साथ तैयार है। पॉस्को ऐक्ट में बदलाव के अलावा सरकार एससी/एसटी ऐक्ट में बदलाव से संबंधित ऑर्डिनेंस को भी शनिवार को ही मंजूरी दे सकती है।
सूत्रों के अनुसार रेप के खिलाफ उठ रही आवाज और पूरे देश मे तीव्र आंदोलनों को देखते हुए सरकार ने ऑर्डिनेंस लाने का फैसला लिया है। प्रस्तावित बदलाव के अनुसार, अब कोई भी नाबालिग के साथ रेप करता है तो उसे फांसी की सजा दी जा सकती है। नाबालिग की उम्र 12 साल से कम होनी चाहिए। हालांकि इसमें और क्या-क्या बदलाव किए गए हैं, इस बारे में शनिवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद ही पता चल पाएगा।
दूसरे ऑर्डिनेंस से सरकार एससी/एसटी ऐक्ट को पुराने स्वरूप में ही लाने का फैसला ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा कानून में बदलाव करते हुए इसमें जेल भेजने से पहले कुछ शर्तें लगा दी थी। इसके बाद पूरे देश में दलित आंदोलन हुआ, जिसमें कुछ लोगों की जान भी गई थी।