स्वास्थ्य

अनदेखा न करें इन लक्षणों को, ये चिकनगुनिया भी हो सकता है…

चिकनगुनिया बहुत तेजी से फैल रहा है. चिकनगुनिया एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है. इस बीमारी के लक्षण मच्छर काटने के तुरंत बाद नजर नहीं आते हैं. मच्छर काटने के दो से तीन दिन बाद इसका संक्रमण शुरू होता है.

चिकनुगनिया जानलेवा नहीं है लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाए तो ये खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में इसके लक्षण नजर आते ही इलाज शुरू कर दें ताकि इससे जुड़े खतरे को टाला जा सके.

चिकनगुनिया के लक्षण:

1. चिकनगुनिया का सबसे प्रमुख लक्षण यह है कि इसमें जोड़ों में तेज दर्द होता है. बुखार होने से पहले शरीर में तेज दर्द होता है. कई बार दर्द इतना अधिक होता है कि मरीज का बिस्तर से उठना मुश्किल हो जाता है.

2. चिकनगुनिया में तेज बुखार आता है. कभी-कभी तापमान 104 डिग्री तक भी पहुंच जाता है. बुखार के साथ ठंड भी लगती है.

3. चिकनगुनिया में बुखार के बाद 3 से 4 दिन के अंदर शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं.

4. उल्टी होना,सिरदर्द होना और मांसपेशि‍यों में खिंचाव होना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं.

5. कई बार आंखें लाल हो जाती हैं और पानी आने लगता है. चिकनगुनिया में खुश्की की शिकायत भी हो जाती है.

चिकनगुनिया से बचाव के उपाय

1. अपने आस-पास कहीं भी पानी जमा नहीं होने दें. रूके हुए पानी में मच्छर पनपते हैं. खुद को मच्छरों से बचाना बहुत जरूरी है. रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

2. पूरे कपड़े पहनें. शरीर को ढककर रखें ताकि मच्छरों से बचे रहें.

3. घर को साफ-सुथरा रखें. घर के बाहर, गमलों में, बागीचे में या फिर किसी भी जगह पर जहां पानी जमा हो सकता है उस जगह की सफाई करें. जहां सीलन हो वहां चूने का छिड़काव करें.

4. कीटनाशकों का छिड़काव करें जिससे मच्छर ना पनप सकें.

चिकनगुनिया का इलाज

ये सच है कि अभी तक चिकनगुनिया की कोई वैक्सीन उपलब्ध नही है. ऐसे में बुखार और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर पैरासीटामॉल लेने की सलाह देते हैं. इस दौरान जितना हो सके आराम करें और अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें.

Related Articles

Back to top button