इस ऐलान के बाद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री व कांग्रेस अध्यक्ष को इस मसले को सुलझाने के लिए पत्र लिखा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट की मॉनीटरिंग कमेटी के सदस्यों के साथ सर्वदलीय बैठक भी की। साथ ही केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात कर इस मसले पर चर्चा की। दूसरी तरफ बीते सोमवार को दिल्ली सरकार ने 351 सड़कों के नोटीफिकेशन से जुड़ा एक हलफनामा भी कोर्ट में दाखिल किया है।
वहीं, दो वरिष्ठ वकीलों की भी मामले की पैरवी करने के लिए तैनाती की। अरविंद केजरीवाल के इन कोशिश के बावजूद दिल्ली में सीलिंग जारी रही और अनशन की पूर्व घोषित तारीख भी आ गई। इसके बीच देर शाम पार्टी की तरफ से स्पष्टीकरण आया कि मुख्यमंत्री पूरे मसले पर नजर रखे हुए हैं। अदालत की सुनवाई पूरी होने तक के लिए उन्होंने अपना अनशन स्थगित कर दिया है। पार्टी का कहना है कि कई ट्रेड एसोसिएशन और वकीलों ने मुख्यमंत्री ने अपील की है कि भूख हड़ताल से अदालत नाराज हो सकती है। इससे केस पर असर पड़ सकता है।
कारोबारियों ने सजा दिया था मंच
अमर कॉलोनी में कारोबारियों ने मुख्यमंत्री की पूर्व घोषणा को देखते हुए अनशन के लिए एक मंच भी सजा दिया था। वहीं शुक्रवार को विपक्षी दलों समेत व्यापारियों ने भी मुख्यमंत्री से सवाल पूछा कि वह शनिवार को कहां पर अनशन की शुुरुआत करेंगे।