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अनुच्छेद 35ए पर राजनीति नहीं, बहस हो : निर्मल सिंह

अनुच्छेद 35ए पर उठे विवादों के बीच रियासत के डिप्टी सीएम डा. निर्मल सिंह का कहना है कि इस पर राजनीति करने तथा लोगों को बरगलाने के बजाय व्यापक बहस होनी चाहिए। इससे रियासत के लोगों को कितना फायदा तथा कितना नुकसान हुआ, इस पर बहस कर आम राय बनाई जानी चाहिए। विपक्ष अनावश्यक रूप से इस मसले को तूल दे रहा है। 
अमर उजाला से बातचीत करते हुए कहा कि गठबंधन सरकार के एजेंडा ऑफ एलायंस में अनुच्छेद 35ए को लेकर यथास्थिति बनाए रखने की बात कही गई है। अब भी यही स्थिति है और भाजपा इस पर कायम है।

किसी स्वयंसेवी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है तो उसके फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए। इस बीच विपक्ष खासकर नेकां की ओर से लगातार इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।

नुच्छेद 35ए पर राजनीति नहीं, बहस हो : निर्मल सिंह‘लोकतंत्र में स्वस्थ्य बहस होनी चाहिए’

उन्होंने कहा की लोगों को बरगलाकर राजनीतिक रोटी सेंकी जा रही है। साथ ही लोगों के ध्रुवीकरण की भी कोशिशें हो रही हैं। एनआईए छापे के बाद अलग-थलग पड़े अलगाववादियों ने भी इस मुद्दे पर राजनीति करनी शुरू कर दी। इसके लिए विरोध प्रदर्शन के कैलेंडर तक जारी कर दिए गए।

छात्रों से लेकर वकीलों तथा व्यापारियों तक को आंदोलन में भागीदार बनाने की कोशिशें की गईं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 35ए पर लोगों की भावनाएं भड़काने की कोशिशें नहीं की जानी चाहिए। लोकतंत्र में स्वस्थ बहस होनी चाहिए न कि भावनाओं में बहकर चर्चा की जानी चाहिए। डेमोग्राफी बदलने तक की कोशिशों के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।

यह सब लोगों को बरगलाने की कोशिशों के तहत किया जा रहा है। सरकार के विकास एजेंडे को प्रभावित करने के प्रयास हो रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि ऐसी ताकतों के प्रयासों से विचलित हुए बगैर विकास कार्यों को प्राथमिकता के तौर पर आगे बढ़ाता रहा जाए।  

 

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