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अनुच्छेद 370 के साथ दो प्रधान, दो विधान, दो निशान की व्यवस्था खत्म

 लखनऊ : भारतीय नागरिक परिषद ने धारा 370 समाप्त करने को ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बधाई दी है। भारतीय नागरिक परिषद वर्षों से धारा 370 समाप्त करने की मांग करता आ रहा था। बीते 23 जून को डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर भारतीय नागरिक परिषद ने लखनऊ की सड़कों पर जुलूस निकाल कर धारा 370 समाप्त करने की जोरदार मांग की थी। भारतीय नागरिक परिषद के बैनर तले सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में परिषद के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश अग्निहोत्री, संस्थापक न्यासी रमाकान्त दुबे, महामंत्री रीना त्रिपाठी व अन्य प्रमुख पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे, एच एन पाण्डेय, राजीव सिंह, वाई एन उपाध्याय, धनंजय द्विवेदी, प्रेमा जोशी, सुमन दुबे, निशा सिंह, अनिल सिंह, रमेश शुक्ला, राघवेंद्र सिंह, शिव प्रकाश दीक्षित, सरोज सोनी, देवेन्द्र द्विवेदी, मो इलियास ने धारा 370 की समाप्ति को ऐतिहासिक बताते हुए कश्मीर में आतंकवाद की समस्या के समाधान के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम बताया।

वक्ताओं ने कहा कि धारा 370 व आर्टिकल 35ए समाप्त होने के बाद अब कश्मीर में भारत का संविधान पूरी तरह लागू हो गया है। इस निर्णय से अब कश्मीर में अब कश्मीरी झंडा नहीं फहरेगा बल्कि सिर्फ तिरंगा फहराया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि इस प्रकार 66 साल पहले कश्मीर की भारत में अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का एक देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नहीं चलेंगे, नहीं चलेंगे का सपना साकार हो गया। बताते चलें कि पहले कश्मीर में प्रधानमंत्री होता था जिसे 1965 में लाल बहादुर शास्त्री ने समाप्त कर मुख्यमंत्री कर दिया था। इस प्रकार लाल बहादुर शास्त्री ने दो प्रधान की व्यवस्था समाप्त की। लेकिन इसके बाद भी कश्मीर का विधान और कश्मीर का झंडा अलग था। धारा 370 समाप्त होने के बाद कश्मीर का अलग विधान व झंडा समाप्त हो गया है और कश्मीर पर अब भारत का संविधान पूरी तरह लागू है।

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