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‘अनुदान चाहिये तो फरवरी-मार्च में न करें बेटियों की शादी’


लखनऊ : गरीब परिवार की बेटियों की शादी के लिए चलाई जा रही कन्या विवाह अनुदान योजना ‘तकनीकी दिक्कत’ से जूझ रही है। अधिकारियों की मानें तो अगर गरीब परिवारों को विवाह अनुदान योजना का लाभ लेना है तो उन्हें फरवरी और मार्च महीने में अपनी बेटियों की शादी करवाने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि फरवरी-मार्च में मिले आवेदनों पर 31 मार्च के बाद विचार नहीं किया जा सकता है। वजह है वित्त वर्ष का बदल जाना। दरअसल, यह दिक्कत तब पता चली जब लखीमपुर-खीरी निवासी एक गरीब परिवार ने अपनी बेटी की शादी बीते 7 मार्च को की थी। विवाह अनुदान के तहत मिलने वाले 20 हजार रुपए के लिए उन्होंने 27 फरवरी को ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया था। मगर शादी के 5 महीने बाद तक उनके खाते में अनुदान का पैसा नहीं आया। 5 महीने तक वे लगातार बीडीओ और एसडीएम ऑफिस के चक्कर लगाते रहे।

आखिरकार जब उच्च स्तर तक यह बात पहुंची, तो उनके आवेदन पत्र की जांच शुरू हुई। खीरी के जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय से उन्हें बताया गया, चूंकि आवेदन 27 फरवरी 2018 यानी पिछले वित्त वर्ष का है, इसलिए अनुदान नहीं दिया जा सकता है। क्योंकि 31 मार्च के बाद वित्त वर्ष बदल गया है और पिछले वित्त वर्ष के आवेदन पर पिछले वित्त वर्ष के बजट से ही राशि जारी की जा सकती थी। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि करीब 1 महीने से ज्यादा समय तक उन्होंने इस आवेदन पर क्या किया।वहीँ खीरी के जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया, यह प्रदेशव्यापी दिक्कत है। फरवरी और मार्च में होने वाले ऐसे ज्यादातर आवेदन 31 मार्च को वित्त वर्ष बदलने की वजह से निरस्त हो जाते हैं। हमें आवेदन पर कार्रवाई के लिए अधिकतम 30 दिनों का समय चाहिए होता है, ऐसे में फरवरी के अंत में या मार्च महीने में प्राप्त होने वाले आवेदनों पर मार्च अंत तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाती। हमने शासन से इस बारे में कोई हल निकालने का आग्रह किया है।

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