अनुपम खेर व अक्षय खन्ना समेत 14 लोगों पर एफआईआर का आदेश
11 जनवरी को रिलीज होनेवाली इस फिल्म पर रोक के लिए मुजफ्फरपुर में एसडीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। मंगलवार को मुजफ्फरपुर की खंड न्यायिक दंडाधिकारी सबा आलम की अदालत में सुनवाई हुई।
याचिका दायर करनेवाले वकील सुधीर कुमार ओझा ने अनुपम खेर(फिल्म में डॉ. मनमोहन सिंह), अक्षय खन्ना(फिल्म में संजय बारू), निर्माता हंसल मेहता, निर्देशक विजय, अभिनेत्री अहाना कुमारी, सुजैन, राम अवतार भारद्वाज, दिव्या सेठ, अर्जुन माथुर समेत 14 लोगों पर केस दायर किया था।
अधिवक्ता श्री ओझा ने बताया कि सभी 14 आरोपितों पर आपराधिक मुदकमा चलाए जाने को लेकर उनकी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई और कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
आईपीसी की इन धाराओं के तहत लगाए गए थे आरोप
अधिवक्ता श्री ओझा ने बताया कि भावनाएं भड़काने के लिए आईपीसी की धारा 295, हिंसा भड़काने या आंदोलन भड़कने की आशंका को लेकर 153 व 153-ए के तहत, अपमानित करने के लिए धारा 504 व 506 के तहत और सारे लोगों द्वारा मिलकर साजिश करने के लिए 120 बी/34 के तहत आरोप लगाते हुए याचिका दायर की गई थी।
अधिवक्ता का आरोप था कि फिल्म में कई जीवित और मृत लोगों व नेताओं का सजीव चित्रण किया है, लेकिन किसी से भी अनुमति नहीं ली गई है। फिल्म रिलीज होगी तो पूरे देश-विदेश के लोग देखेंगे और ऐसे में देश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब होगी।