अपने सेब से ही वंचित जम्मू कश्मीर के लोग
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जानकारों का कहना है कि चरार-ए-शरीफ का सेब कश्मीर का सर्वश्रेष्ठ सेब होता है। इसकी मिठास बहुत होती है, लेकिन इसका उत्पादन सीमित होने के कारण यह आम लोगों तक कम पहुंच पाता है। कश्मीर सेब के वैसे तो कई ब्रांड हैं, लेकिन अमरी सेब श्रेष्ठ है।
चरार-ए-शरीफ के बाद श्रेष्ठ सेब शोपियां में होता है। यहां का नंबर एक सेब दिल्ली के अलावा देश के अन्य राज्यों में चला जाता है। दूसरे नंबर का सेब जम्मू कश्मीर की मंडियों तक पहुंचता है। इसका कारण दिल्ली और अन्य बड़े शहरों के व्यापारियों द्वारा शोपियां के श्रेष्ठ बाग खरीद लेना है।
यही कारण है कि सेब बाहर चला जाता है। निवेश में जोखिम भी होता है। कई किसान व्यापारियों से पैसा लेने के बाद भी माल बाहर बेच देते हैं। वर्तमान में जम्मू में उपलब्ध शोपियां के नंबर दो सेब की कीमत 900-1000 रुपये पेटी है।
फल कारोबारी सुनील गुप्ता कहते हैं कि अकसर यह कहा जाता है कि कश्मीर का बढ़िया सेब एक्सपोर्ट हो जाता है। ऐसा कुछ नहीं है। कश्मीरी सेब अभी तक विदेशों के मापदंडों पर खरा नहीं उतर पा रहा है, जबकि इसके लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है।