अपराधी को फांसी देने से पहले जल्लाद उसके कान में कहता है ये एक हैरान कर देने वाली बात
![अपराधी को फांसी देने से पहले जल्लाद उसके कान में कहता है ये एक बात](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2018/05/jalla.jpg)
हम सभी जानते हैं कि भारत को महान देश के नाम से जाना जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों है तो आपको बता दें कि इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि इस देश में हर प्रकार के नियम और कानून बनाए गए हैं जो कि हर स्वतंत्र देश की अहम पहचान है। इतना ही यहां के हर नागरिक के लिए देश में का इसके इलावा हर नागरिक का देश के कानून और नियमों की पालना करना ही एकमात्र धर्म है। हर कोई व्यक्ति इस देश में नियम या कानून का उल्लंघन करता है तो उसे सख्त से सख्त कारवाई किया जाता है।
वहीं आपको ये भी बता दें कि हम सभी की जिंदगी नियमों से भरपूर है लेकिन वहीं अगर कोई घिनौना अपराध करता है तो उसकी सजा के लिए कानून को नियमों की पालना करनी पडती है। आप सभी जानते होंगे कि अगर हमारे देश में कोई व्यक्ति खुन कर देता है तो उसे सज़ा-ऐ-मौत यानी की फांसी की सजा मिलती है पर क्या आपको पता है कि हमारे देश में फांसी को लेकर भी कई कड़े नियम हैं जी हां किसी भी अपराधी को फांसी देते समय कुछ नियमों का पालन किया जाता है जो कि भारत सरकार द्वारा निदेर्शित हैं।
आपने आज तक सिर्फ फिल्मों में ही फाँसी देते देखा होगा लेकिन आज हम आपको फाँसी से जुड़ी कुछ ऐसी बातों को बताएंगे जो आप नहीं जानते होंगे। आपने आज तक सिर्फ फिल्मों में ही फाँसी देते देखा होगा लेकिन आज हम आपको फाँसी से जुड़ी कुछ ऐसी बातों को बताएंगे जो आपको आसानी से नही मिलेगे। फांसी वक्त सुबह-सुबह का इसलिए मुकर्रर इसलिए किया जाता है क्योंकि जेल मैन्युअल के तहत जेल के सभी कार्य सूर्योदय के बाद किए जाते हैं। फांसी के कारण जेल के बाकी कार्य प्रभानित ना हो ऐसा इसलिए किया जाता है।
वहीं एक बात और है जो आपको नहीं पता होगा बता दें कि हमारे देश में जब किसी अपराधी को फांसी दी जाती है तो उस समय जल्लाद अपराधी के कान में फांसी देने से पहले कुछ कहता है और इसके बाद ही अपराधी को फांसी दी जाती है। अब आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसा क्या है कि फांसी के पहले जिसे कहना जरूरी होता है तो आपको बता दें कि फांसी देने के कुछ छन पहले जल्लाद अपराधी के कान में माफ़ी मांगता है और कहता है कि “मुझे माफ़ कर दो भाई, मैं मजबूर हूँ”।
जी हां इतना ही नहीं अगर मरने वाला कैदी हिन्दू रहता है तो जल्लाद उसको “राम राम” बोलता है वहीँ अगर मरने वाला व्यक्ति मुस्लिम रहता है कि जल्लाद उसको अंतिम “सलाम” बोलता है। साथ ही जल्लाद उनसे कहता है कि “मैं सरकार के हुकुम का गुलाम हूँ इसलिए चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता”। इतना कहते ही वो फांसी का फंदा खींद देता है और व्यक्ति की मौत हो जाती है।
वहीं एक बात और जानकर आपको हैरानी होगी की पूरे भारत देश में फांसी की सजा के लिए मात्र अभी तक केवल दो ही जल्लाद है जिसे सरकार द्वारा मारने की सैलरी भी दी जाती है। वैसे ये काम काफी मुश्किल होता है कि खुद के हाथों से किसी को मौत देना लेकिन जल्लाद इसे पूरा करता है क्योंकि इसके लिए काफी हिम्मत की भी जरूरत है। वैसे सरकार आम इंसान को फांसी देने के लिए सरकार इन जल्लादों को 3000 रुपया देती है जबकि किसी आतंकवादी को फांसी देने के लिए यह रकम बढ़ा दी जाती है।