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अप्रैल फूल बने पाकिस्तान के बड़े नेता, सरकार के फैसले का किया विरोध

नई दिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक अप्रैल फूल्स डे के दिन किए गए एक मजाक में फंस गए। दरअसल, पाकिस्तान की एक वेबसाइट ने एक झूठी खबर लगाई थी, जिसके मुताबिक न्यू इस्लामाबाद एयरपोर्ट का नाम चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नाम पर रखा जाएगा। इस खबर को रहमान मलिक ने सही मानते हुए इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दे डाली। रहमान के अलावा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के चेयरमैन इमरान खान भी इसके शिकार हो गए।

अप्रैल फूल बने पाकिस्तान के बड़े नेता, सरकार के फैसले का किया विरोध

उन्होंने उस फर्जी न्यूज स्टोरी पर अपना रिस्पॉन्स दे डाला, जो इस्लामाबाद के नए एयरपोर्ट पर थी। इस स्टोरी के झांसे में पीपीपी चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी भी आ गए। उन्होंने भी इस पर ट्वीट कर अपना पक्ष रखा।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने शनिवार को अपनी वेबसाइट पर एक फर्जी स्टोरी लगाई, जिसमें कहा गया, “पीएम नवाज शरीफ ने फैसला किया है कि चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग के ऑनर में इस्लामाबाद के नए एयरपोर्ट का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा। दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। लिहाजा एयरपोर्ट अब शी जिनपिंग एयरपोर्ट के नाम से जाना जाएगा।”

स्टोरी में यह भी कहा गया कि यह फैसला पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) लीडर्स की इस्लामाबाद में एक हाई-लेवल मीटिंग में लिया गया है।

इस फर्जी स्टोरी के कई घंटों बाद रहमान मलिक ने इस पर रिस्पॉन्स दिया। उन्होंने कहा, “एयरपोर्ट का नाम पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की नेता बेनजीर भुट्टो पर रखा गया है और अगर इसे बदला गया तो उनकी पार्टी इस मुद्दे को बहुत दूर तक ले जाएगी। सरकार एयरपोर्ट का नाम बदलने के बारे में सोचे भी नहीं।”

रहमान मलिक ने मीडिया में एक बयान भी जारी किया। उन्होंने कहा, “सरकार को ऐसे कदम उठाने से बचना चाहिए जिससे पब्लिक की फीलिंग्स हर्ट हों। पहले भी ऐसा कोई एग्जाम्पल नहीं है जब नेशनल हीरो के नाम से मशहूर ऑर्गनाइजेशंस का फिर से नामकरण किया गया हो।” मलिक ने इस मसले पर सरकार से जवाब भी मांग लिया।

इमरान खान ने इस स्टोरी पर ट्वीट किया। लिखा, “PML-N सरकार बिक गई है, कतर पीएम के बाद अब वह चीन को खुश करने की कोशिश कर रही है।”

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी भी इस फर्जी स्टोरी के झांसे में आ गए। उन्होंने फैसले का विरोध करते हुए ट्वीट किया, “इस्लामाबाद के नए एयरपोर्ट का नाम शहीद जुल्फिकार अली भुट्टो एयरपोर्ट रखा जाना चाहिए।”

 

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