अब अकेला हो गया ‘आदित्य’, मम्मी के बाद पिता भी चल बसे
लखनऊ : राजधानी में जू के युवा नर दरियाई घोड़े बादल की अचानक मौत हो गई। 10 वर्षीय युवा नर हिप्पो शुक्रवार दोपहर अपने बाड़े में मृत पाया गया। बादल की मौत से जू प्रशासन परेशान है क्योंकि 25 दिन पहले ही मादा हिप्पो मुन्नी की मौत भी इसी बाडे़ में हुई थी। जू के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि दोपहर में कीपरों ने बताया कि बादल कोई हरकत नहीं कर रहा है। जब तक डॉक्टर बाड़े में पहुंचे तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जू प्रशासन ने आला अधिकारियों को घटना की सूचना दी। बरेली, कानपुर, लखनऊ के सात विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल शनिवार को मृत दरियाई घोड़े का पोस्टमार्टम करेगा। साथ ही अधिकारियों ने मामले की पड़ताल के लिए पांच सदस्यों की टीम गठित की है। पहले मादा मुन्नी और अब बादल के जाने से उनका दो वर्षीय शावक आदित्य अकेला हो गया है।
बरेली आईवीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डा. एएम पावड़े, पैरासिटालराजी डिवीजन के सीनियर साइंटिस्ट डा. हीरा राम, डा. के. महेन्द्रन, साइंटिस्ट मेडिसिन डिवीजन डा. एम. करिकलन, कानपुर जू के पशु चिकित्साधिकारी डा. आरके सिंह और लखनऊ के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. तेज सिंह यादव पोस्टमार्टम में शामिल होंगे। जू के उपनिदेशक और वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक भी मौजूद रहेंगे। दर्शकों को हिप्पो की मौत की जानकारी हुई तो वे उसके बाड़े के पास जुटने लगे। मगर वहां पर्दा डाल दिया गया, ऐसे मेंं दर्शकों को निराश लौटना पड़ा। जू प्रशासन के मुताबिक एक ही महीने में दो दरियाई घोड़ों की आकस्मिक मौतों में तमाम समानताएं पाई गई हैं। बीते 25 जून की दोपहर मुन्नी ने भी 1:30 से 1:40 बजे के बीच दम तोड़ा था। 1:40 बजे उसे चिकित्सकों ने मृत घोषित किया, जबकि शुक्रवार इसी समय पर हिप्पो बादल के मरने की बात सामने आई है।
स्टाफ के मुताबिक मरने से पहले दोनों की खुराक और व्यवहार भी सामान्य था। प्राणि उद्यान प्रशासन ने अमेरिका-देहरादून के विशेषज्ञों से मामले में राय मांगी है। अमेरिका सैनडियाडो स्टेट यूनिवर्सिटी के हिप्पो विशेषज्ञ डा. रिबेका लुईसन से मसले पर मशविरा मांगा गया है। निदेशक वाइल्ड लाइफ इन्स्टीट्यूट आफ इंडिया, देहरादून डा. बीबी माथुर, निदेशक आईवीआरआई डा. आर के सिंह और वैज्ञानिक डा. एके शर्मा से मदद से भी मदद ली गई है। इसके अलावा एहतियात जू प्रशासन ने देश भर के सभी प्राणि उद्यानों में घटना का ब्यौरा देते हुए राय मांगी है। प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव ने हिप्पो बादल की मृत्यु का कारण और भविष्य में पुनरावृत्ति न हो इसके लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है। टीम में आईवीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डा. एएम पावड़े, पैरासिटालराजी डिवीजन के सीनियर साइंटिस्ट डा. हीरा राम, डा. के. महेन्द्रन, साइंटिस्ट मेडिसिन डिवीजन और डा. एम. करिकलन, साइन्टिस्ट सीडब्लूएल हैं। कानपुर जू के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके सिंह टीम के पांचवें सदस्य हैं।