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अब उत्तर प्रदेश में किसी भी धर्मस्थल पर बिना इजाजत नहीं बजेगा लाउडस्पीकर

लखनऊ। ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद धार्मिक स्थलों पर बिना इजाजत चल रहे लाउड स्पीकरों को लेकर सरकार गंभीर हुई है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है कि उनके जिले में कितने लाउड स्पीकर बिना इजाजत चल रहे हैैं। दस जनवरी तक यह रिपोर्ट तैयार करनी होगी। अनुमति लेने के लिए धार्मिक स्थलों को मौका भी दिया जाएगा और इसका प्रोफार्मा बनाकर जिलों में भेजा गया है। 

कुछ खास- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को राज्य सरकार से पूछा था कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर प्रशासन की लिखित अनुमति से लगाए गए हैं या नहीं? यदि नहीं, तो इन्हें हटाने के लिए सरकार की ओर से क्या कार्रवाई की गई? इस पर राज्य सरकार ने अब सभी जिलों से जानकारियां जुटानी शुरू कर दी हैै।

प्रमुख सचिव गृह ने निर्देश दिया है कि ऐसे धर्म स्थल या सार्वजनिक स्थल जहां नियमित लाउड स्पीकर बजाए जाते अब उत्तर प्रदेश में किसी भी धर्मस्थल पर बिना इजाजत नहीं बजेगा लाउडस्पीकरहों, उनका चिह्नीकरण राजस्व व पुलिस अधिकारियों की टीम बनाकर 10 जनवरी तक कर लिया जाए। टीम पता करेगी कितने धर्म स्थलों पर बिन अनुमति के लाउड स्पीकर बजाए जा रहे हैैं। जिन धर्म स्थलों के पास अनुमति नहीं है, उनके प्रबंधकों को 15 जनवरी से पहले अनुमति प्राप्त करने के लिए आवेदन का प्रारूप उपलब्ध कराया जाना चाहिए। प्रमुख सचिव ने कहा है कि जो आवेदन आएं, उनका पांच कार्य दिवस में निस्तारण किया जाए। यदि इस बीच किसी ने अनुमति नहीं हासिल की है, तो उनके लाउड स्पीकर 20 जनवरी तक हर हाल में उतरवा लिए जाएं। 

जुलूस और बरातों पर भी रहेगी निगाह

राज्य सरकार ने ध्वनि प्रदूषण को देखते हुए जुलूस और बरातों पर भी निगाह रखने के निर्देश दिए हैैं कि उनके द्वारा नियमों का पालन किया जा रहा है नहीं। यह जानकारी भी तलब की गई है कि अब तक नियमों का पालन न करने पर जुलूस या बरातों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। शासन के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय ने भी सभी एसपी और एसएसपी को आदेश जारी कर बिना अनुमति के बज रहे लाउडस्पीकरों का ब्योरा जुटाने का आदेश दिया है। साथ ही उनपर कार्रवाई करने को भी कहा है।

एक फरवरी को हाईकोर्ट में देना है जवाब

हाईकोर्ट में इस बाबत दाखिल याचिका पर एक फरवरी को सुनवाई है जिसमें सरकार को जवाब रखना है। कोर्ट ने पूछा है कि ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 का पालन करने के लिए प्रदेश में क्या-क्या कदम उठाए गए हैैं।

लाउड स्पीकर का शोर 10 डेसीबल से अधिक नहीं

प्रमुख सचिव अरविंद कुमार के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए लाउड स्पीकर का शोर 10 डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए। निजी स्थानों पर इसका शोर पांच डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए। 

अधिकतम ध्वनि तीव्रता की सीमा (डेसबल में)

एरिया/जोन          दिन        रात 

औद्योगिक क्षेत्र      75         70

कामर्शिलय क्षेत्र     65         55

आवासीय क्षेत्र      55         45

शांत क्षेत्र            50         40

पहले मस्जिदों से हटवाएं लाउडस्पीकर : स्वरूपानंद

हाईकोर्ट के सवाल के बाद प्रदेश सरकार की तरफ से सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर पुलिस को दिए आदेश को काशी प्रवास को पहुंचे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने गलत बताया। कहा,किसी एक धर्म के खिलाफ कुछ नहीं होना चाहिए। अगर कार्रवाई करनी है, तो सबसे पहले मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटावाएं और फिर हमारे यहां देखें। रविवार को उन्होंने ये बातें केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में कहीं। 

 

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