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अब कन्हैया की यशोदा मां बन गईं सोनिया गांधी

kanhaiya-kumar-sonia-gandhi-06-1462518190एंजेंसी/ नई दिल्ली। आज राजधानी के जंतर-मंतर से संसद तक कांग्रेसियों ने ‘लोकतंत्र रैली निकाली’ है। इस चिलचिलाती गर्मी में इन नेताओं ने हूंकार भरकर ये जताने की कोशिश की है वो बीजेपी के वारों से डरने वाले नहीं हैं। लेकिन कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के भाषण ने देश के सामने कुछ और ही तस्वीर पेश की है। कांग्रेस अध्यक्षा के भाषण को गहराई से समझें तो यह बात स्पष्ट होती है कि जेएनयू के कन्हैया को यशोदा मां मिल गई हैं। वो भी सोनिया के रूप में।

भाषण की इन दो लाइनों को गहराई से समझें तो साफ दिखेगा कि यहां छात्र कोई और नहीं बल्क‍ि कन्हैया कुमार है। हालांकि उन्होंने कन्हैया का नाम तो नहीं लिया, लेकिन यह जता दिया कि अब पूरी कांग्रेस जेएनयू के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया के साथ है। भारत में कहीं पर हाल ही में छात्रों पर अगर लाठीचार्ज हुआ है तो वो जेएनयू है। और किसी को देशद्रोही कहा गया तो वो कन्हैया है। “जिस दिन पानी सिर से ऊपर….” की बात कहकर सोनिया ने जता दिया कि अगर कन्हैया पर भाजपा ने ज्यादा वार किये, तो कांग्रेस छात्रशक्त‍ि के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन कर सकती है। और कुल मिलाकर यह साफ हो गया कि सोनिया ने अब कन्हैया के सिर पर हाथ रख दिया है। दाऊ तो पहले ही बन चुके हैं राहुल वैसे इसमें कोई शक नहीं है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही कन्हैया के दाऊ बन चुके हैं। दाऊ बनकर ही वो उससे मिलने के लिये जेएनयू तक जा पहुंचे थे। क्यों नहीं केरल के लिए खून खौला सोनिया का? जाहिर है हमारे इस राजनीतिक आंकलन पर कांग्रेस समर्थक कहेंगे कि सोनिया से कन्हैया को जोड़ने की क्या जरूरत थी। तो उनसे हमारा केवल एक ही सवाल है- सोनिया को भाषण के दौरान दिल्ली के छात्र याद रहे, लेकिन केरल की उस छात्रा को वो कैसे भूल गईं, जिसके साथ महज दो दिन पहले ही गैंगरेप हुआ। केरल के निर्भया कांड पर उनका खून क्यों नहीं खौला? खैर कन्हैया पर कांग्रेस का पंजा कितना मजबूत है, यह तो वक्त बतायेगा, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि कन्हैया कुमार को राजनीतिक सपोर्ट मिल चुका है। शायद इसीलिये अब कन्हैया पैदल नहीं चलते, ट्रेनों के धक्के नहीं खाते, बल्क‍ि एक शहर से दूसरे शहर हवाई जहाज से जाते हैं।

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