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अब कभी नहीं लौटेंगे कादर खान: इन 10 मशहूर संवादों को भुलाना है बहुत मुश्किल

लंबे समय से बीमार चल रहे दिग्गज उम्रदराज एक्टर कादर खान का कनाडा में निधन हो गया. वे एक्टर के साथ साथ बेहतरीन राइटर भी थे. उन्होंने करीब ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और 250 से ज्यादा फिल्मों में संवाद लिखे. 70 के दशक में उनका नाम बड़े स्क्रीन राइटर्स में शुमार किया जाता था. अमिताभ की कई सुपरहिट फिल्मों के संवाद कादर खान ने लिखे हैं. आइए जानते हैं कादर खान के टॉप 10 संवाद के बारे में….

अब कभी नहीं लौटेंगे कादर खान: इन 10 मशहूर संवादों को भुलाना है बहुत मुश्किल1- मुकद्दर का सिकंदर
“सुख तो बेवफा है आता है जाता है, दुख ही अपना साथी है, अपने साथ रहता है. दुख को अपना ले तब तकदीर तेरे कदमों में होगी और तू मुकद्दर का बादशाह होगा.” फिल्म में फकीर बाबा बने कादर, अमिताभ बच्चन को जिंदगी का मर्म समझाते हैं.

2- सत्ते पे सत्ता
इस सीन में अमिताभ बच्चन शराब पीते हुए नजर आते हैं. उनका ये सीन सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. वो कहते हैं, “दारू पीता नहीं है अपुन, क्योंकि मालूम है दारू पीने से लीवर खराब हो जाता है, लीवर.”

3- हम
आर्मी कर्नल के किरदार में कादर खान कहते हैं, ‘किसी आदमी की सीरत अगर जाननी हो तो उसकी सूरत नहीं उसके पैरों की तरफ़ देखना चाहिए, उसके कपड़ों को नहीं उसके जूतों की तरफ देख लेना चाहिए.” इस फिल्म में कादर डबल रोल में थे.

4- अग्निपथ
“विजय दीनानाथ चौहान, पूरा नाम, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उम्र 36 साल 9 महीना 8 दिन और ये सोलहवां घंटा चालू है.” इस पिल्म में अमिताभ बच्चन मुख्य भूमिका में थे. उनके संवाद कादर खान ने लिखे थे.

5- अंगार
”ऐसे तोहफे देने वाला दोस्त नहीं होता है, तेरे बाप ने 40 साल मुंबई पर हुकूमत की है. इन खिलौनों के बल पर नहीं अपने दम पर.”

6- हिम्मतवाला
“मालिक मुझे नहीं पता था कि बंदूक लगाए आप मेरे पीछे खड़े हैं. मुझे लगा, मुझे लगा कि कोई जानवर अपने सींग से मेरे पीछे खटबल्लू बना रहा है.”

7- मिस्टर नटवरलाल
“आप हैं किस मर्ज़ की दवा, घर में बैठे रहते हैं, ये शेर मारना मेरा काम है? कोई मवाली स्मग्लर हो तो मारूं मैं शेर क्यों मारूं, मैं तो खिसक रहा हूं और आपमें चमत्कार नहीं है तो आप भी खिसक लो.”

8- बाप नंबरी बेटा दस नंबरी
“तुम्हें बख़्शीश कहां से दूं, मेरी ग़रीबी का तो ये हाल है कि किसी फकीर की अर्थी को कंधा दूं तो वो उसे अपनी इंसल्ट मान कर अर्थी से कूद जाता है.”

9- कुली
“बचपन से सर पर अल्लाह का हाथ और अल्लाहरख्खा है अपने साथ, बाजू पर 786 का है बिल्ला, 20 नंबर की बीड़ी पीता हूं और नाम है ‘इकबाल’.”

10 – जुदाई
“इतनी सी हल्दी, सारे घर में मल दी, बताओ किसकी सरकार बनेगी?”

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