अब घरेलू स्तर पर बैडमिंटन को आगे बढ़ाएगा बीएआई
राघवेन्द्र प्रताप सिंह
देश में बैडमिंटन को बढ़ावा देने के लिए बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) लगातार प्रयास कर रही है। इसी के तहत युवा खिलाडिय़ों को तैयार करने के लिए अब बीएआई देश में नई घरेलू लीग की शुरुआत करने की योजना बना रहा है। इसके संकेत बीएआई के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश दास ने स्वयं दिये हैं। योनेक्स सनराइज इंडियन ओपन सुपर सीरीज के दौरान इस बात की पुष्टि की गई है कि आने वाले समय में नई घरेलू लीग शुरुआत की जायेगी जिससे घरेलू स्तर पर नई प्रतिभाओं को सामने लाया जा सकता है। हाल के दिनो में भारतीय बैडमिंटन लगातार विश्व खेल पटल पर अपनी अलग पहचान बना रहा है। सायना से लेकर सिंधु तक ने भारतीय बैडमिंटन को विश्व स्तर पर एक नयी पहचान दी है। ऐसे में बीएआई की कोशिश है कि देश में बैडमिंटन का मौहाल तैयार किया जाये ताकि ज्यादा-ज्यादा से युवा खिलाड़ी बैडमिंटन से जोड़ा जा सके। बीएआई से मिल रही जानकारी के अनुसार पीबीएल की सफलता के बाद विश्व स्तर पर भारतीय बैडमिंटन का कद बढ़ा है। इतना ही नहीं भारतीय बैडमिंटन संघ की कोशिश है भारत में कई बैडमिंटन टूर्नामेंटों का आयोजन किया जाये ताकि लोगों का इस खेल में रुझान बढ़े।
इस बीच बीएआई के अध्यक्ष डॉ.अखिलेश दास ने कहा कि नई घरेलू लीग बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी आयोजित की जायेगी। इस लीग की खास बात यह है कि इसमें केवल भारतीय खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। डॉ. अखिलेश दास के अनुसार एशियन बैडमिंटन लीग का आयोजन करने की भी योजना बना रहा है। एशियन बैडमिंटन लीग का आयोजन बैडमिंटन एशिया परिसंघ और बीडब्ल्यूएफ के साथ मिलकर इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। भारत में बैडमिंटन की लोकप्रियता को देखते हुए बीएआई को अगले चार साल विश्व सुपर सीरीज टूर्नामेंट इंडियन ओपन की मेजबानी भी मिली है।
भारत में बैडमिंटन का क्रेज देखते ही बनता है। पीवी सिंधु व सायना ने ओलम्पिक में पदक जीतकर देश में बैडमिंटन के लिए अलग तसवीर पेश की। इतना ही गोपीचंद जैसे कोच लगातार नयी प्रतिभाओं को तैयार कर रहे हैं। इसी कड़ी में कई भारतीय खिलाड़ी बड़े स्तर पर चमक बिखेर रहे हैं। कश्यप और श्रीकांत सबसे आगे दिख रहे हैं तो लक्ष्य सेन भी उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आये हैं। जूनियर स्तर पर नम्बर वन का तमगा हासिल करने वाले लक्ष्य सेन अब सीनियर लेवल पर भी अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी है। कुल मिलाकर देखा जाये तो भारतीय बैडमिंटन संघ की लगातार कोशिश है कि भारत में बैडमिंटन को एक अलग पहचान दिलायी जा सके। ’