आपको सिमुलेटर पास करने के बाद ही स्थायी डीएल मिल पाएगा। ये प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी। परिवहन आयुक्त ने बाकायदा सिमुलेटर लगाने के लिए प्राइवेट कंपनियों के लिए निविदा खोल दी है। हालांकि, लर्निंग लाइसेंस पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही बनेंगे।
परिवहन विभाग द्वारा पिछले चार माह से चल रही आरटीओ कार्यालयों में सिमुलेटर टेस्ट मशीन लगाने की कवायद जल्द पूरी होने वाली है। अब सिमुलेटर टेस्ट के बाद ही स्थायी लाइसेंस दिए जाएंगे।
इस टेस्ट में कंप्यूटर स्क्रीन पर सड़क सुरक्षा के नियम, निर्देश और परिवहन से जुड़े सवालों के उत्तर देने होंगे। टेस्ट में सीट बेल्ट, हेलमेट न लगाने से लेकर स्पीड लिमिट में नहीं रखने तक पर मार्किंग होगी। लाइसेंस पाने के लिए ये टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा। उसके बाद आरआई टेस्ट लेगा, इसे भी पास करना होगा।
इससे वाहन को स्क्रीन पर चलाना होगा। स्क्रीन पर वाहन चलाने के दौरान वाहन की गति, यातायात नियमों का पालन आदि सभी का ध्यान रखना होगा। जहां गलती हुई वहीं नंबर कटते जाएंगे। लाइसेंस पाने के लिए पर्याप्त नंबर लाने जरूरी होंगे।
दो पार्ट में होगा 40 अंकों का टेस्ट
सिमुलेटर टेस्ट 20-20 अंकों के दो पार्ट में होगा। पहला प्रेक्टिकल और दूसरा लिखित। टेस्ट में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति को ही लाइसेंस मिल पाएगा।
फिलहाल बड़े कार्यालयों में होगा टेस्ट
उत्तराखंड में फिलहाल सिमुलेटर टेस्ट देहरादून, हल्द्वानी, पौड़ी जैसे पांच या छह बड़े आरटीओ कार्यालय में होगा। उसके बाद तमाम संभागीय परिवहन कार्यालयों में ये टेस्ट प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।
सीख ले कहां, कैसे चलानी है गाड़ी
टेस्ट के लिए पहाड़ी, मैदानी क्षेत्र में, सुबह, दोपहर, शाम और रात के समय के अलावा बारिश में वाहन कैसे चलाएं ये सीखना होगा। सिमुलेटर टेस्ट में बारिश, मौसम, समय के साथ ही मैदानी या पर्वतीय क्षेत्रों में वाहन चलाने के बारे में भी पूछा जाएगा।