अब पंजाब में मकोका की तर्ज पर पकोका कानून बनाने की तैयारी
एजेंसी/ पंजाब में पिछले कुछ समय से गैंगस्टर से जुड़ी घटनाएं बड़ी तेजी से बढ़ी है. जिससे पंजाब में डर और दहशत का माहौल पैदा हो गया है. जिसे लेकर पंजाब सरकार भी चिंतित है. गैंगस्टरों से निपटने के लिए अब राज्य सरकार ने पुलिस के साथ-साथ कानूनी तैयारी भी शुरू कर दी है. महाराष्ट्र के मकोका एक्ट की तर्ज पर अब यहां पकोका एक्ट बनाने की तैयारी चल रही है. इसको लेकर राज्य के गृह विभाग ने प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है. पंजाब में अगर ये कानून बन जाता है तो गैंगस्टरों को दो साल तक नजरबंद रखने का अधिकार मिल जाएगा, ताकि वह अदालतों से जमानत लेकर भाग न सके.
गैंगस्टरों पर लगाम की तैयारी
दरअसल पंजाब में कई खतरनाक गिरोह हैं और वो दिनो-दिन पनपते जा रहे हैं. ऐसे गिरोह को बीच-बीच में राजनीतिक से लेकर पुलिसिया मदद मिलने की खबर छन कर आती रहती है. यही कारण है कि साल 2010 से 2016 तक गैंगस्टर गिरोह से जुड़े करीब 55 मामले अदालतों तक पहुंचे, लेकिन उनमें से एक को भी सजा नहीं हुई और वो आसानी से बरी हो गए. वहीं साल 1996 से लेकर 2016 तक के यानी 20 सालों में ऐसे गिरोहों के खिलाफ 105 मामले अदालतों में गए, जिनमें से केवल 10 में ही सजा हुई जबकि 95 मामलो में दोषी बरी हो गए. इन गैंगस्टरों के बरी होने में पुलिसिया जांच एक बड़ी वजह रही.
पकोका कानून को लेकर बादल सरकार सक्रिय
पंजाब के गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने भी पिछले दिनों खुलासा किया था कि पंजाब में इस तरह के कोई 57 गिरोहों की शिनाख्त की गई है जिनके 423 मेंबर हैं, जिनमें से 310 राज्य की अलग-अलग जेलों में हैं. लेकिन आज की तारीख में 207 गैंगस्टर ही जेल में हैं बाकी 103 जमानत पर बाहर हैं.
गैंगस्टरों को राजनीतिक संरक्षण मिलने का आरोप
पंजाब में अपने-अपने गैंग्स को ऑपरेट करने वाले गैंगस्टरों के मुख्य सरगना कहे जाने वाले ज्यादातर लोग मालवा एरिया से संबंधित हैं, जबकि दोआबा और माझा में भी कुछ गैंग सक्रिय हैं. लेकिन मुख्य गैंग कहे जाने वाले रॉकी, बिश्नोई, शेरा खुब्बन, जयपाल, दविंदर शूटर सभी मालवा से संबंधित हैं इनके संबंध पंजाब की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों से हैं. साथ ही कई बड़ी हस्तियों पर भी पर्दे के पीछे से इस गिरोह को मदद पहुंचाने का आरोप है.